देश की दिग्गज इस्पात और स्टेनलेस स्टील निर्माता कंपनी के यहां एसजीएसटी के छापे में बड़े पैमाने पर कर चोरी मिली है। 10.27 करोड़ का फर्जी (बोगस) इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लिया गया, जिसे विभाग ने वापस जमा करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कैंटीन संचालन में गड़बड़ी मिली है। स्टाॅक में भारी अंतर पाया गया।
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एसजीएसटी विभाग के 30 अधिकारियों की टीम ने कंपनी के चार व्यापार स्थलों पर छापा मारा था। जांच में 6 करोड़ 6 लाख कीमत का 50.86 टन माल लेखा बहियों से अधिक पाया गया। चार करोड़ 12 लाख से अधिक मूल्य का 300.844 टन माल स्टॉक विवरण से कम पाया गया। इस पर लगभग 8 करोड़ 6 लाख से ज्यादा की कर चोरी की गई। कंपनी ने 10.27 करोड़ के बोगस आईटीसी का लाभ लिया। इसे जमा करने के निर्देश कारोबारी को दिए गए हैं। संयुक्त आयुक्त (एसआईबी) रणकेंद्र ने बताया कि कंपनी परिसर में एक कैंटीन संचालित की जाती है। इसके अंतर्गत बिक्री किए जा रहे ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर से होने वाली आय पर कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। कंपनी की ओर से जॉब वर्क के लिए चालान के माध्यम से आउटवर्ड सप्लाई की जाती है। जॉब वर्क के बाद इनवर्ड सप्लाई ली जाती है। आउटवर्ड सप्लाई के सापेक्ष इनवर्ड सप्लाई बहुत कम मिली। इसमें भी कंपनी ने 33.92 लाख का आईटीसी क्लेम किया है।
यह होता है आईटीसी
वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) में आईटीसी व्यापार संबंधी खरीद के दौरान चुकाए गए जीएसटी कर से मिले क्रेडिट से कर देयता को कम करने की सुविधा देता है। उदाहरण के लिए किसी व्यापारी ने माल खरीदने पर 15000 रुपये का जीएसटी कर दिया है। इस माल की बिक्री से उसे 20 हजार रुपये का जीएसटी कर मिला। व्यापारी आईटीसी के रूप में 15000 रुपये छूट का दावा पेश कर सरकार को सिर्फ 5000 रुपये का भुगतान करेगा।