राजधानी लखनऊ में विधान परिषद में निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद दिया। इस मौके पर कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में वर्तमान सरकार के कामकाज की तुलना काबिले-तारीफ है। महाकुंभ को अबतक का सबसे सफल आयोजन करार देते हुए कहा कि विपक्ष को सरकार के अच्छे कामों की तारीफ भी करनी चाहिए।
गंगापुत्र के रूप में सीएम योगी आदित्यनाथ को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने रोडवेज, रेलवे और हवाई सेवाएं शानदार करने के बाद वाटरवेज की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई धर्म नहीं, जिनके अनुयायी ने प्रयागराज महाकुंभ में स्नान नहीं किया होगा। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारें एक वर्ग विशेष पर ही जोर देती थीं और प्रयागराज में निषादराज किले का जीर्णोद्धार नहीं कराया।
कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बदलने के आरोप पर हंगामा
सदन में एमएलसी संतोष सिंह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम बाबा साहब आंबेडकर के नाम पर था, जिसे सपा सरकार में बदल दिया गया।
उन्होंने कहा कि बाबा साहब की मूर्ति तोड़ी गई और आज सपा बाबा साहब का नाम ले रही है। उन्होंने कहा कि संभल दंगे के आरोपियों पर से सपा सरकार में मुकदमे वापस ले लिए गए। इस पर सपा एमएलसी जास्मीन अंसारी और आशुतोष सिन्हा भड़क गए।
20 साल में नहीं खुला पशु चिकित्सालय
विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान एमएलसी विच्छे लाल राम ने प्रदेश सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने अपने क्षेत्र के करीब गहरा स्थित राजकीय पशु चिकित्सालय का मुद्दा उठाते हुए कहा कि वर्ष 2005 में गंगा विकास विभाग गोरखपुर ने 30 लाख रुपये से अस्पताल बनाया था। लेकिन 20 साल बाद भी अस्पताल शुरु नहीं हो सका।
उन्होंने बताया कि भवन जर्जर हो चुका है। खिड़की-दरवाजे गायब हो चुके हैं, लेकिन कागजों में 10 डॉक्टर, एक फार्मासिस्ट और एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी तैनात हैं। इन सभी को वेतन भी मिल रहा है। एमएलसी ने बताया कि इस संबंध में गोरखपुर में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी से मिले तो जवाब मिला कि आजतक भवन हैंडओवर नहीं किया गया।
दूसरी तरफ गंगा विकास विभाग का कहना है कि अस्पताल की इमारत हैंडओवर की जा चुकी है। उन्होंने मांग की कि दोनों ही विभागों की जांच कराई जाए कि झूठ कौन बोल रहा है। जो भी दोषी पाया जाए, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।
शिक्षा और शिक्षक हितों को करें शामिल
एमएलसी ध्रुव त्रिपाठी, राजबहादुर चंदेल ने शिक्षा और शिक्षक हितों से जुड़ी चीजों को शामिल करने का सुझाव दिया। ध्रुव त्रिपाठी ने वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा नियमावली बनाने, उनको चिकित्सा सुविधा का लाभ देने, विद्यालयों में प्रबंधकों के शोषण पर रोक लगाने, तीन मंडलों में माध्यमिक के कार्यालय खोलने की मांग उठाई।
वहीं राजबहादुर चंदेल ने वित्तविहीन विद्यालयों के शिक्षकों को मानदेय देने, तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के पदों को भरने, व्यावसायिक शिक्षकों को नियमित करने, बचे हुए तदर्थ शिक्षकों को सम्मानजनक मानदेय देने का मुद्दा उठाया।
किसान के बेटे-पोते को कृषक दुर्घटना बीमा का मिले लाभ
विधान परिषद में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद ज्ञापित करते हुए रालोद के एमएलसी योगेश चौधरी ने कहा कि नियमानुसार किसान को ही किसानों से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिलता है। जबकि किसान के साथ उसका अधिकतर काम बेटे-पोते करते हैं। कई बार वह इसमें दुर्घटना का शिकार होते हैं, लेकिन उनको किसान न मानते हुए कृषक दुर्घटना बीमा का लाभ नहीं मिलता है। इनको भी उसमें शामिल किया जाए।