Muzaffarnagar पुलिस और एसओजी (Special Operation Group) की संयुक्त टीम ने शनिवार देर रात सलेमपुर के कुख्यात बदमाशों से आमने-सामने मुठभेड़ की। घटनास्थल पर गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका थर्रा उठा। बुढ़ाना मोड़ के पास यह हाई-वोल्टेज एक्शन तब शुरू हुआ जब पुलिस एक संदिग्ध थार गाड़ी का पीछा कर रही थी। अचानक वाहन सवार बदमाशों ने पुलिस टीम पर फायरिंग शुरू कर दी, जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। जवाबी कार्रवाई में दो बदमाश घायल हो गए, जबकि तीसरा साथी पुलिस की घेराबंदी में दबोच लिया गया।


पुलिस ने दिखाई जबरदस्त सूझबूझ और बहादुरी
सूत्रों के अनुसार, पुलिस टीम को जानकारी मिली थी कि सलेमपुर फायरिंग केस (31 अक्टूबर) के आरोपी मुजफ्फरनगर से फरार हैं और किसी बड़े वारदात की फिराक में हैं। टीम ने घेराबंदी कर बुढ़ाना मोड़ पर बैरियर लगाया। तभी तेज़ रफ्तार थार जीप आई और रोकने के संकेत पर भी नहीं रुकी। बैरियर तोड़कर भागने की कोशिश में गाड़ी का टायर फट गया, और वह पुलिया से जा टकराई।
थार छोड़कर तीनों बदमाश जंगल की ओर भागे और अंधेरे का फायदा उठाकर फिर से पुलिस पर फायरिंग करने लगे। मौके पर अफरा-तफरी मच गई, लेकिन एसओजी टीम ने हिम्मत नहीं हारी और बदमाशों को चारों ओर से घेर लिया।


गोलीबारी में दो बदमाश ढेर नहीं, लेकिन घायल – तीसरा फरार से गिरफ्तार
मुठभेड़ के दौरान पुलिस ने आत्मरक्षा में फायरिंग की। इसमें राजा उर्फ राज (निवासी सलेमपुर) और असजद (निवासी प्रेमपुरी) के पैर में गोली लगी। दोनों बदमाश घायल होकर गिर पड़े। तीसरा साथी चिराग पंवार (निवासी प्रेमपुरी) मौके से भाग निकला, लेकिन पुलिस ने जंगल में कॉम्बिंग कर कुछ ही घंटों में उसे गिरफ्तार कर लिया।
घायल बदमाशों को तुरंत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।


पुलिस ने बरामद किए खतरनाक हथियार और वाहन
घटनास्थल से पुलिस ने भारी मात्रा में अवैध हथियार और कारतूस बरामद किए हैं—

  • 32 बोर का तमंचा

  • 32 बोर की पिस्टल (बिना मैगजीन)

  • 315 बोर का तमंचा

  • दो जिंदा कारतूस (32 बोर)

  • तीन जिंदा कारतूस (315 बोर)

  • दो खोखे (32 और 315 बोर)

  • और वही थार गाड़ी जो फरारी के लिए इस्तेमाल की गई थी।

जांच में पता चला है कि यही हथियार 31 अक्टूबर को सलेमपुर में हुई गोलीबारी में इस्तेमाल किए गए थे।


पुरानी रंजिश ने ली हिंसक शक्ल – दीपांशु पर हमला मामला
पुलिस सूत्रों ने बताया कि 31 अक्टूबर को पुरानी रंजिश के चलते सलेमपुर निवासी दीपांशु (35) पर बदमाशों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाई थीं। दीपांशु गंभीर रूप से घायल हुए थे और उन्हें मेरठ के अस्पताल में रेफर किया गया था। तब से ही पुलिस बदमाशों की तलाश में थी।
राजा, असजद और चिराग तीनों ही इस हमले के मुख्य संदिग्ध थे। जांच में यह भी सामने आया कि राजा पहले भी नई मंडी कोतवाली से जेल जा चुका है, जबकि असजद और चिराग कुछ महीने पहले हत्या के प्रयास और आर्म्स एक्ट के मामले में जमानत पर बाहर आए थे।


एसएसपी बोले — “कानून से खेलने वालों को बख्शा नहीं जाएगा”
मुजफ्फरनगर के एसएसपी ने बताया कि जिले में अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई चल रही है। उन्होंने कहा —
“जो भी अपराधी जिले की शांति भंग करने की कोशिश करेगा, उसे कानून का सख्त संदेश दिया जाएगा। हमारे जवानों ने बहादुरी से मोर्चा लिया और जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की।”
पुलिस अब बदमाशों के नेटवर्क और उनके सपोर्ट सिस्टम की गहराई से जांच कर रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि उन्हें कहां से हथियार मिल रहे थे।


थार कार से भागने की कहानी बनी सुर्खियों में
सोशल मीडिया पर अब इस मुठभेड़ की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रही हैं। लोग पुलिस की बहादुरी की जमकर सराहना कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा कि “UP Police rocks again!” जबकि कुछ ने सवाल उठाए कि आखिर इन बदमाशों को बार-बार जेल से छूटने के बाद इतना हौसला कैसे मिल जाता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सलेमपुर और प्रेमपुरी क्षेत्र पिछले कुछ समय से आपसी रंजिश और फायरिंग की घटनाओं से जूझ रहे हैं, और अब पुलिस की यह कार्रवाई इलाके में डर का माहौल बनाएगी।


क्राइम पेट्रोल जैसी थी असली रात – आंखों देखा हाल
इलाके के कुछ ग्रामीणों ने बताया कि गोलीबारी की आवाज़ सुनकर वे अपने घरों में दुबक गए। “ऐसा लगा जैसे कोई फिल्म चल रही हो,” एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया। “थार तेजी से भाग रही थी, फिर अचानक धमाका हुआ और गोलियों की आवाज़ें आने लगीं। पुलिस ने बहादुरी दिखाई, वरना बड़ी घटना हो सकती थी।”


राज्य स्तर पर चर्चा में आई सलेमपुर मुठभेड़
उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय ने भी इस मुठभेड़ की रिपोर्ट तलब की है। जानकारी के अनुसार, यह ऑपरेशन लंबे समय से चल रहे अपराधियों के गैंग को खत्म करने की योजना का हिस्सा था।
पुलिस अब इस केस को ‘सलेमपुर शूटआउट लिंक केस’ के नाम से दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। डिजिटल फॉरेंसिक और मोबाइल लोकेशन के आधार पर भी सबूत जुटाए जा रहे हैं ताकि किसी को भी बरी न होने दिया जाए।


जनता की प्रतिक्रिया: “अब लगेगा डर, लौटेगी शांति”
बुढ़ाना, सलेमपुर और प्रेमपुरी के नागरिकों ने राहत की सांस ली है। कई लोगों ने कहा कि अब पुलिस ने सही मायनों में संदेश दिया है कि अपराध करने वालों के लिए मुजफ्फरनगर में कोई जगह नहींस्थानीय व्यापारी संगठन और ग्राम प्रधानों ने पुलिस टीम का अभिनंदन करने की भी बात कही है।


मुजफ्फरनगर मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि अपराध कितना भी शातिर क्यों न हो, कानून की पकड़ से बचना नामुमकिन है। सलेमपुर गैंग की गिरफ्तारी से जहां लोगों में विश्वास लौटा है, वहीं पुलिस की कार्यप्रणाली ने अपराधियों को चेतावनी दे दी है कि “जो कानून को चुनौती देगा, उसे वही जवाब मिलेगा — **गोलियों की भाषा में**।”

 



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