
चुनाव के लिए ईवीएम तैयार
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लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट के इतिहास में 1996 में सबसे ज्यादा प्रत्याशियों ने चुनावी मैदान में ताल ठोकी थी। इस चुनाव में 50 प्रत्याशियों ने किस्मत आजमाते हुए जोर आजमाइश की, जिसमें 44 प्रत्याशी निर्दलीय लड़े थे। इस लोकसभा चुनाव में बेगम नूरबानो के हाथ बाजी लगी थी, उन्होंने भाजपा के राजेंद्र कुमार शर्मा को 74,747 मतों से हराया था।
सपा के प्रत्याशी रिजवान उल हक 1,44,870 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे थे। 1952 में पहले लोकसभा चुनाव में रामपुर सीट से सबसे कम प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे। जिसमें कांग्रेस के मौलाना अबुल कलाम आजाद जीते, उन्हें 1,08,180 मत मिले। जबकि प्रतिद्वंदी बिशन चंद्र सेठ को 73,427 मत मिले थे।
वहीं 1957 के दूसरे लोकसभा चुनाव में दो प्रत्याशी मैदान में रहे। जिनमें कांग्रेस से राजा सैयद मेहंदी और बीजेएस से सीताराम चुनाव लड़े। इस चुनाव में कांग्रेस के राजा सैयद मेहंदी ने 1,27,864 मत लिए, जबकि सीताराम को 59107 मत मिले।
इसके बाद 1962 के तीसरे लोकसभा चुनाव में पहली बार सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे, जिनमें 3 निर्दलीय चुनाव लड़े। जबकि 1967 में चौथे चुनाव में तीन प्रत्याशी चुनाव मैदान रहे। पांचवें लोकसभा चुनाव में सात प्रत्याशी चुनाव मैदान में रहे। जिसके बाद हर चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या घटती-बढ़ती रही।
72 सालों के इतिहास में 19 लोकसभा चुनाव हुए, जिनमें सबसे ज्यादा प्रत्याशी 1996 के चुनाव मैदान में रहे। इस चुनाव में 44 निर्दलीय प्रत्याशी थे। कांग्रेस प्रत्याशी नूरबानो को जीत मिली थी। इसके अलावा बीजेपी के राजेंद्र कुमार, सपा से रिजवान उल हक, बसपा से मुशीर अहमद, जनता पार्टी से माखन सिंह व अपना दल से राम सिंह लोधी मैदान में थे। हालांकि इन 44 निर्दलीय प्रत्याशियों में सबसे कम 121 वोट और सर्वाधिक 4084 मत मिले थे।
लोकसभा चुनाव पर एक नजर
1952 में 2 प्रत्याशी
1957 में 2 प्रत्याशी
1962 में 7 प्रत्याशी
1967 में 3 प्रत्याशी
1971 में 7 प्रत्याशी
1977 में 6 प्रत्याशी
1980 में 9 प्रत्याशी
1984 में 11 प्रत्याशी
1989 में 16 प्रत्याशी
1991 में 24 प्रत्याशी
1996 में 50 प्रत्याशी
1998 में 12 प्रत्याशी
1999 में 17 प्रत्याशी
2004 में 19 प्रत्याशी
2009 में 16 प्रत्याशी
2014 में 13 प्रत्याशी
2019 में 12 प्रत्याशी
2022 में 6 प्रत्याशी