Record of Mahakumbh, Tsunami of Sanatan, crossing the figure of 50 crores, religious leaders called it

महाकुंभ 2025
– फोटो : अमर उजाला।

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पावन संगम की धर्मधरा में धर्म, अध्यात्म एवं आस्था के महासंगम प्रयागराज महाकुम्भ में रविवार तक करीब 52 करोड़ लोग पुण्य स्नान कर चुके हैं। मात्र 33 दिनों में 50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन से इतिहास बन गया है। यह भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय एकता की मिसाल है। सनातन के इस विराट दर्शन के अलग-अलग निहितार्थ साधु समाज, धर्माचार्य और शोध संस्थान बता रहे हैं। 

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धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल

संगम नगरी प्रयागराज की धरती पर  13 जनवरी से आयोजित हो रहा दिव्य-भव्य व नव्य धार्मिक, सांस्कृतिक समागम ‘महाकुम्भ 2025’  इतिहास रच चुका है।  महाकुम्भ के समापन के पूर्व ही 33 दिनों में 50 करोड़ से अधिक  श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है। साधु संत और धर्माचार्य इस उपलब्धि को सनातन की  बता रहे हैं।

सनातन धर्म के ध्वज वाहक 13 अखाड़ों में सबसे पहले अस्तित्व में आए श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरुण गिरी का कहना है कि महाकुम्भ में उमड़ा जन आस्था का यह सैलाब सनातन धर्म की सुनामी है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी का कहना है कि यह महाकुम्भ धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन गया है। 



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