उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार और शुक्रवार (17 और 18 अप्रैल) को होने वाले अमर उजाला के वैचारिक संवाद कार्यक्रम में देश की जानी-मानी शख्सियतों, नीति-नियंताओं, विचारकों और विशेषज्ञों के विचार जानने और उनसे रूबरू होने का मौका मिलेगा। कार्यक्रम में राजनीति के क्षेत्र से कई दिग्गज भी अपने विचार रखेंगे। ‘संवाद’ का शुभारंभ 17 अप्रैल को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ करेंगे। आइए जानते हैं कि कार्यक्रम में कौन-कौन सी राजनीतिक हस्तियां शिरकत करेंगी।
योगी आदित्यनाथ का राजनैतिक जीवन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गुरु अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई। 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो उस समय वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। वहीं 2017 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और 2022 में दोबारा मुख्यमंत्री बने।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव का सियासी सफर
समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की राजनीतिक यात्रा उत्तर प्रदेश की कन्नौज लोकसभा सीट से शुरू होती है, जहां साल 2000 में हुए उपचुनाव में उन्होंने जीत हासिल की और फिर लोकसभा में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति और सार्वजनिक वितरण कमेटी के सदस्य भी बने। साल 2004 तक 13वीं लोकसभा के सदस्य रहे अखिलेश यादव ने बतौर सांसद आचार समिति, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, वन एवं पर्यावरण कमेटी के सदस्य की जिम्मेदारी भी संभाली। इसके बाद अखिलेश यादव का लोकसभा पहुंचने का सिलसिला लगातार जारी रहा, साल 2004 और 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर अखिलेश यादव फिर से लोकसभा पहुंचे। साल 2012 में उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री रहे।
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का सियासी सफर संक्षेप में
प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा ने पहली बार वर्ष 2002 में प्रयागराज शहर पश्चिमी से माफिया अतीक के खिलाफ उन्हें चुनाव मैदान में उतारा था। इस चुनाव में केशव प्रसाद हार गए। वर्ष 2007 में भाजपा ने फिर केशव को शहर पश्चिमी से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2012 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने फिर से केशव को उनके गृह नगर सिराथू से प्रत्याशी बनाया और वह भारी मतों से जीतकर विधायक बने। वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में केशव को भाजपा ने फूलपुर संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया। इसमें केशव करीब तीन लाख मतों से सपा प्रत्याशी धर्मराज सिंह पटेल से चुनाव जीते। वर्ष 2016 में प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा गया। 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत से जीती और केशव को डिप्टी सीएम का दायित्व सौंपा गया। 2022 में फिर से डिप्टी सीएम की जिम्मेदारी दी गई।
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के राजनैतिक जीवन पर एक नजर
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक का सियासी सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ। 1989 में वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गए थे। इसके बाद 1990 में वह लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए थे। इसके 12 साल बाद वह कांग्रेस में शामिल हुए और 2002 के विधानसभा चुनाव में मल्लावां विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े और 130 वोटों के करीबी अंतर से चुनाव हार गये थे। पाठक 2004 में कांग्रेस छोड़कर बसपा में शामिल हो गए। 2004 के लोकसभा चुनाव में वह बसपा के टिकट पर उन्नाव से सांसद चुने गए। बसपा ने उन्हें सदन में उपनेता बनाया, वहीं 2009 में मायावती ने ब्रजेश पाठक को राज्यसभा भेज दिया। वह सदन में बसपा के मुख्य सचेतक रहे। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में ब्रजेश पाठक उन्नाव लोकसभा सीट से दूसरी बार मैदान में थे, लेकिन यह चुनाव हार गए थे। 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव से पहले 22 अगस्त 2016 को ब्रजेश पाठक बीजेपी में शामिल हो गए। 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीता और कानून मंत्री बनाया गया। योगी सरकार 2.0 में उप मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली।
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद ने कांग्रेस से शुरू हुआ था राजनीतिक सफर
केंद्रीय राज्यमंत्री जितिन प्रसाद 2001 में सक्रिय राजनीति में आए। वह 2004 में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार शाहजहांपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े और जीते। 2008 में केंद्रीय इस्पात मंत्री बने। साल 2009 के लोकसभा चुनाव में लखीमपुर की धौरहरा सीट से सांसद चुने गए थे। जितिन प्रसाद यूपीए सरकार के दोनों कार्यकाल में मंत्री रहे। इसके बाद 2014 का लोकसभा, 2017 का विधानसभा और 2019 का लोकसभा चुनाव वे हार गए। साल 2021 में जितिन प्रसाद कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। साल 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने जितिन प्रसाद को उत्तर प्रदेश विधान परिषद में भेजा। प्रदेश में लगातार दूसरी बार भाजपा की सरकार बनी तो जितिन प्रसाद को योगी सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया। साल 2024 के लोकसभा चुनाव में पीलीभीत से भाजपा ने मौजूदा सांसद वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन को दिया। यहां से चुनाव जीतकर वह फिर सांसद बने। फिर जितिन प्रसाद ने एक दशक के बाद केंद्रीय कैबिनेट में वापसी की।
मंत्री बेबी रानी मौर्य की राजनीतिक यात्रा
उत्तर प्रदेश की बाल विकास व पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य 1995 में भाजपा में शामिल हुई थीं। वो 1995 में ही भाजपा के टिकट पर आगरा की मेयर बनी थीं। वह 1997 में भाजपा के राष्ट्रीय अनुसूचित मोर्चा की कोषाध्यक्ष रहीं। मौर्य 2002 में राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य रहीं। वह उत्तराखंड की राज्यपाल रह चुकीं हैं। उत्तराखंड के राज्यपाल के तौर पर बेबी रानी मौर्य ने 26 अगस्त 2021 को तीन साल का कार्यकाल पूरा किया था। इसके बाद सितंबर 2021 में उन्होंने राज्यपाल पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया था। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में आगरा ग्रामीण से चुनाव जीता और सीएम योगी की टीम में स्थान प्राप्त किया। बेबी रानी मौर्य राज्य बाल आयोग की सदस्य रह चुकी हैं।
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अमर उजाला संवाद 2025 कार्यक्रम कब शुरू होगा?
अमर उजाला संवाद 2025 कार्यक्रम 17 और 18 अप्रैल को सुबह 10 बजे से शुरू होगा।
अमर उजाला संवाद 2025 कार्यक्रम कहां आयोजित होगा?
अमर उजाला संवाद 2025 कार्यक्रम लखनऊ के गोमती नगर के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित होगा।
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