रोडवेज के सेवा प्रबंधक धनजी राम ने महाकुंभ के लिए आवंटित की गईं 500 बसों की मरम्मत में भी खेल किया। डीजल आपूर्ति में भी घोटाला किया। बरेली परिक्षेत्र में अगस्त 2023 में सेवा प्रबंधक का पदभार संभालते ही उन्होंने साईं इंटरप्राइजेज का ठेका निरस्त कर दिया। गोरखपुर परिक्षेत्र में भी उनके खिलाफ डीजल घोटाले के मामले में चार्जशीट लग चुकी थी।
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बरेली में चार्ज संभालने के दौरान वह गोरखपुर से एक ठेकेदार को भी बरेली ले आए। 29 अगस्त 2023 को बसों की मरम्मत का ठेका उसी को दे दिया गया। इसके कुछ दिन बाद ही बसों की आउट सोर्सिंग पर मरम्मत का काम ममता इंटरप्राइजेज को दे दिया गया। इसके बाद बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार होने लगा। एक अन्य फर्म भसीन इंटरप्राइजेज को पीलीभीत डिपो का ठेका दे दिया गया।
इससे पहले इस फर्म के पास बदायूं डिपो का भी काम था। नवंबर-दिसंबर में एक बार फिर भ्रष्टाचार उजागर हुआ। सेवा प्रबंधक ने यहां भी खेल किया। ममता और भसीन इंटरप्राइजेज को काली सूची में डालने के बजाय दोनों फर्मों को 50 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया। फरवरी में महाकुंभ के दौरान सेवा प्रबंधक समेत चारों डिपो के एआरएम बसों की मरम्मत के नाम पर फर्जी बिल पास कर अपनी जेबें भरते रहे।
महाकुंभ के बाद खुद की गर्दन बचाने के लिए सेवा प्रबंधक ने मई में दो बार टेंडर निकाले। एक बार टेंडर 22 मई को खुल चुका है। इसमें किसी फर्म ने हिस्सा नहीं लिया। अब टेंडर 31 मई को खुलना है। इससे पहले भ्रष्टाचार के मामले में सेवा प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया।