
मधुमक्खी पालन से किस्मत गढ़ रहे शिवचंद्र सिंह
– फोटो : अमर उजाला
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मधुमक्खी पालन से किस्मत गढ़ रहे शिवचंद्र सिंह
– फोटो : अमर उजाला
उत्तर प्रदेश में गोंडा के केशवपुर पहड़वा निवासी शिवचंद्र सिंह एक समय पारंपरिक खेती में घाटा और रोजगार की तलाश में हिम्मत हारकर घर बैठ गए थे। लेकिन, समय बदला और आज वह युवाओं के रोल मॉडल हैं। यह सब हुआ मधुमक्खी पालन से। कुशल प्रबंधन और लगन से बेरोजगारी की खटास पर शहद की मिठास अब भारी पड़ रही है। शिवचंद्र हर वर्ष 15 सौ से दो हजार क्विंटल तक फ्लेवर्ड शहद का उत्पादन करके सात से आठ लाख रुपये शुद्ध मुनाफा कमा रहे हैं। इस काम में पत्नी कल्पना सिंह के साथ चार सहयोगी भी हाथ बटा रहे हैं।
शिवचंद्र पहले एक निजी विद्यालय में पढ़ाते थे। वेतन कम था। ऐसे में घर चलाने में दिक्कत होती थी। बच्चों की पढ़ाई पर भी संकट था। उद्यान विभाग में तैनात जितेंद्र सिंह से उनकी दोस्ती थी। उन्होंने ही मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया। पहले पांच बॉक्स से कार्य शुरू किया। आज 250 से अधिक बॉक्स में मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। एक बॉक्स से करीब छह से आठ किलो शहद मिल जाता है।