Subhash Nagar ward on the name of Netaji Subhash Chandra Bose.

– फोटो : amar ujala

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आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है। नेताजी का गोंडा से विशेष लगाव रहा है। 1939-40 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने गोंडा आकर उस वक्त कानून गोयान मुहल्ले मेें कालिका निवास पर छात्रों के साथ बैठक की थी। छात्र संगठन का गठन किया था। इसके बाद आजादी के आंदोलन की गतिविधियां यहां से संचालित की गई। देश को स्वतंत्रता मिलने के बाद नेताजी की स्मृतियों को संजोने के लिए कानून गोयान मुहल्ले का नाम बदलकर सुभाष नगर कर दिया।

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गोंडा शहर में उतरौला रोड पर महाराजगंज पुलिस चौकी के सामने सुभाषनगर मुहल्ले में कालिका निवास की पुरानी बिल्डिंग है। यहां पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी रहे रामचंद्र श्रीवास्तव उर्फ बच्चू बाबू के बेटे अधिवक्ता ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव अपनी पत्नी के साथ रहते हैं। बताया कि उनके पिता बताते थे कि वर्ष 1939-40 में छात्र जीवन से ही वह स्वाधीनता की लड़ाई में सक्रिय रहते थे। वर्ष 1940 में एक दिन उसके पास संदेश आया कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस आपसे मिलना चाहते हैं।

बताया कि इसके बाद नेताजी गुपचुप तरीके से कालिका निवास पहुंचे। यहां पर औपचारिक बात हुई। इसके बाद उन्होंने छात्रों के साथ बैठक करने की मंशा जाहिर की। ऐसे में उस वक्त के कुछ जुझारू छात्र नेताओं को बुलाया गया। कालिका निवास में बैठक हुई। इसके बाद छात्र संगठन की स्थापना की गई। रामचंद्र श्रीवास्तव को उसका अध्यक्ष चुना गया। 

1942 में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में यहां भी सभाएं हुईं। लोगों ने आवाज बुलंद की। 15 अगस्त 1942 की अर्धरात्रि को बच्चू बाबू व राजेंद्र प्रसाद ने टामसन इंका (वर्तमान में शहीदे आजम भगत सिंह इंटर कॉलेज) व गवर्नमेंट हाईस्कूल की इमारत पर तिरंगा झंडा फहराया था। बकौल, ज्ञानचंद्र श्रीवास्तव उनके पिता देश की आजादी के बाद समाज में बदलाव लाने की मुहिम चलाते रहे। 18 सितंबर 1995 को पिता के निधन के बाद उनका पूरा परिवार आज भी नेताजी को अपना आदर्श मानता है।



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