अमर उजाला ब्यूरो

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झांसी। संस्कृति एवं ऐतिहासिक तौर पर समृद्ध बुंदेलखंड के पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को सहेजने के लिए दो नए संग्रहालय बनाए जाएंगे। सरकार ने इसके लिए 9.88 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। एक संग्रहालय ललितपुर में बनेगा जबकि दूसरे का निर्माण उरई में होगा।

पुरातत्व लिहाज से बुंदेलखंड में ललितपुर काफी अहम है। बौद्ध गुफाओं से लेकर यहां गुप्तकालीन, चंदेल, बुंदेला काल के तमाम ऐतिहासिक चिह्न मिलते हैं। सिर्फ देवगढ़ में ही दशावतार मंदिर, जैन मंदिर समेत चंदेल कालीन 49 मंदिर हैं। आज भी खोदाई के दौरान अक्सर ही यहां से पुरानी मूर्तियां मिलती हैं लेकिन, यहां पुरातत्व विभाग के पास इनको रखने का स्थान नहीं है। शेड के नीचे दुर्लभ श्रेणी की मूर्तियों को रखा जाता है लेकिन, अब इनके लिए नए संग्रहालय का निर्माण पुरातत्व विभाग की ओर से होगा। जेल रोड के पास साठ गुणे साठ स्क्वायर मीटर क्षेत्रफल में निर्माण कराया जाएगा। यहां मूर्तियों समेत उत्खनन में मिलने वाली वस्तुओं को रखा जाएगा। सबके लिए अलग वीथिका होगी। यहां उनके कालखंड के मुताबिक उनको रखा जाएगा। इससे इतिहास के छात्रों समेत पर्यटकों को सहूलियत होगी। इस पर 4.94 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वहीं, उरई में भी इसी तरह का संग्रहालय बनेगा। यहां भी अलग-अलग वीथिकाएं बनाई जाएंगी। इस संग्रहालय के निर्माण पर भी 4.94 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

दो संग्रहालय के निर्माण के लिए सरकार ने बजट जारी किया है। इसके लिए जमीन भी तय कर ली गई है। जल्द ही निर्माण आरंभ करा दिया जाएगा। यहां मूर्तियों को रखने के लिए कालखंड के लिहाज से वीथिकाएं बनाई जाएंगी – डा.मनोज कुमार यादव, प्रभारी क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी

ललितपुर में मिली थी ब्रह्मा की दुर्लभ मूर्ति

ब्रह्मा की दुर्लभ मूर्ति ललितपुर से पाई गई लेकिन, वहां रखने का स्थान न होने से उन मूर्तियों को झांसी के रानी महल में रखवाया गया। पुरातत्वविद सुरेश दुबे का कहना है कि ललितपुर के दुधई में ब्रह्मा के मंदिर मिले थे। यहां उनकी मूर्तियां भी पाई गईं। इनमें कुछ मूर्तियां संयुक्त भी हैं। यह मूर्तियां दुर्लभ श्रेणी की हैं। पूरे देश में ऐसी मूर्तियां बेहद कम हैं।



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