UP Budget 2025: Loss of Rs 29 thousand crores, more expenditure on development, completely under control

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ।
– फोटो : amar ujala

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यूपी के बजट में शुरु से विकास पर सबसे ज्यादा ध्यान रहा है। योगी सरकार के हर बजट में इस मद में अलग से प्रावधान किया गया है। समेकित निधि (कंसोलिडेटेड फंड) की प्राप्तियों से कुल खर्च घटाने के बाद 29,493 करोड़ का घाटा अनुमानित है। ये स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है, जो राज्य के विकास का संकेतक है।

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राज्य सरकार की कुल प्राप्तियां 7.79 लाख करोड़ रहीं तो कुल खर्च 8.08 लाख करोड़ है। अगर राजकोषीय घाटे की बात करें तो ये 91,399 करोड़ रुपये अनुमानित है, जो अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.97 फीसदी है। नीति आयोग ने राज्यों की राजकोषीय स्थिति पर रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें प्रदेश को अग्रणी राज्य की श्रेणी में रखा गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश का राजकोषीय घाटा निर्धारित सीमा के तहत रहा है। राजस्व और प्राथमिक बचत के कारण सकल राज्य घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में प्रदेश के कर्ज में भी कमी दर्ज की गई। खर्च की गुणवत्ता में भी सुधार हुआ है। पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.8 से 19.3 फीसदी के बीच रहा। इस अवधि में यह अनुपात देश के प्रमुख राज्यों के औसत अनुपात से ज्यादा है। पूंजीगत व्यय में वृद्धि का संकेत सीधा-सीधा विकास से है। सामाजिक क्षेत्र में पूंजीगत व्यय में 27 फीसदी वार्षिक दर से वृद्धि हुई।

प्राप्तियां

6.62 लाख करोड़ की राजस्व प्राप्तियां

1.16 लाख करोड़ की पूंजीगत प्राप्तियां

5.5 लाख करोड़ राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश

इसमें स्वयं का कर राजस्व 2.95 लाख करोड़ रुपये

इसमें केंद्रीय करों में राज्य का अंश 2.55 लाख करोड़

व्यय

8.08 लाख करोड़ रुपये कुल व्यय

5.83 लाख करोड़ राजस्व लेखा व्यय कुल व्यय में

2.25 लाख करोड़ पूंजी लेखा का व्यय



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