405 turtles smuggling in car STF and forest department team caught two smugglers

श्री रेणुका जी झील में मिला दुर्लभ चित्तीदार कछुआ।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


मैनपुरी के किशनी थाना क्षेत्र के ऊसराहार-किशनी मार्ग से शुक्रवार रात कानपुर एसटीएफ और वन विभाग की टीम ने दो कछुआ तस्करों को गिरफ्तार किया। इनके दो साथी मौके से भाग गए। तस्करों के पास से इंडियन फ्लैपशेल प्रजाति के 405 कछुए बरामद किए गए। तस्करों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने इटावा और औरैया के विभिन्न स्थलों से इनको जुटाया था। उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर ले जा रहे थे। वहां से चीन भेजा जाना था। वन रेंज मैनपुरी में तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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मुखबिर के जरिये कानपुर एसटीएफ और वन विभाग मैनपुरी की टीम और वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, गोरखपुर यूनिट की को कछुआ तस्करी की सूचना मिली थी। तीनों टीमों ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन चलाकर ऊसराहार-किशनी मार्ग पर घेराबंदी की। 

यहां चेकिंग के दौरान एक स्विफ्ट कार में 405 कछुए बरामद हुए। इनके साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया। तस्करों की पहचान अमित यादव पुत्र गिरीश यादव निवासी मोहल्ला अंसारी, फतेहगंज पश्चिमी, बरेली और कुलदीप चतुर्वेदी पुत्र रामनिवास चतुर्वेदी निवासी दिबना, मीरगंज, बरेली के तौर पर हुई। इनके दो साथी संतोष और रूप सिंह उर्फ चच्चा भाग गए। एसटीएफ की टीम भागे हुए तस्करों की तलाश कर रही है।

कीठम झील में छोड़े जाएंगे बरामद कछुए

बरामद कछुओं को वन विभाग की टीम विभागीय अधिकारियों के आदेश के बाद आगरा की कीठम झील में छोड़ेगी। इसके लिए तैयारी भी पूरी कर ली है। पश्चिम जोन के चीफ कंजरवेटर को इसके संबंध में पत्राचार भी किया गया है। संभवतः रविवार को इस संबंध में आदेश आ जएगा।

लाखों रुपये है कछुओं की कीमत

तस्करों से बरामद हुए कछुओं की कीमत लाखों रुपये बताई जा रही है। पूछताछ में खुद आरोपियों ने स्वीकारा कि वह एक कछुए को आठ से दस हजार रुपये में बेचते हैं। भारी मात्रा में एकत्रित करने के बाद इनको उधमसिंह नगर ले जाते हैं। वहीं, इनका सौदा लाखों में होता है। वहां गैंग के अन्य सदस्यों के सुपुर्द कर देते हैं, जो कि इनकी चीन सप्लाई करते हैं। इनका उपयोग शक्तिवर्धक दवाओं और तंत्र-मंत्र में किया जाता है।

 



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