दामन पर जुर्म का दाग लगा तो सलाखों में जीवन गुजारना पड़ रहा है। मगर, घर की जिम्मेदारी के साथ भविष्य की चिंता भी सता रही है। ऐसे में शिक्षा का हाथ पकड़ लिया। मेहनत और लगन रंग लाई। सलाखों के पीछे किताबों से दोस्ती कर सफलता मिल गई। जिला और केंद्रीय कारागार में निरुद्ध 38 बंदियों ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी। इनमें से 34 ने सफलता हासिल कर ली, चार अनुत्तीर्ण रहे। जिला जेल के बंदी रविंद्र हाईस्कूल की परीक्षा में 64.50 प्रतिशत अंक प्राप्त कर अव्वल रहे। वहीं इंटरमीडिएट में इस्लामद्दीन 64.60 प्रतिशत अंक के साथ प्रथम रहे।

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जेल अधीक्षक हरिओम शर्मा ने बताया कि हाईस्कूल में 16 बंदियों ने परीक्षा दी थी। इनमें से दो अनुत्तीर्ण रहे। सर्वाधित अंक चोरी का माल खरीदने और बेचने के केस में आरोपी रविंद्र पिप्पल ने प्राप्त किए। उन्होंने 10वीं की परीक्षा 600 में से 387 अंक प्राप्त कर 64.50 प्रतिशत से पास की है। उन्हें शाहगंज पुलिस ने अक्तूबर 2022 को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। बंदी ने अपनी मेहनत और लगन से सफलता पा ली। इसी तरह एनडीपीएस एक्ट में निरुद्ध रिजवान ने 600 में से 374 अंक प्राप्त कर 62.33 प्रतिशत से जेल में दूसरा स्थान प्राप्त किया। दुष्कर्म और अपहरण के आरोपी सुहेल अब्बास ने 600 में से 364 अंक प्राप्त कर 60.60 फीसदी के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया।

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