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इको फ्रेंडली थैला – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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हस्तशिल्प, कला, संस्कृति और विविधता के संगम ताज महोत्सव में पश्चिम बंगाल के जूट से बने इको फ्रेंडली उत्पाद भी लोगों की पसंद बने हुए हैं। कोलकाता की शिल्पी शिखा की स्टॉल पर कई ऐसे उत्पाद हैं, जिन्हें लोग हाथों हाथ ले रहे हैं। वहीं, इनमें इको फ्रेंडली थैला आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। उनका कहना है कि जूट से बनाने में काफी मेहनत लगती है। ये उत्पाद आकर्षित होने के साथ साथ पर्यावरण के अनुकूल है।
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ताज महोत्सव में लगी आदिवासी समुदाय की महिलाओं की स्टॉल पर आपको एक से एक बेहतरीन उत्पाद मिल जाएंगे। इनमें से एक हैं कोलकाता की शिखा मजूमदार जिन्होंने जूट की मदद से बहुत से इको फ्रेंडली उत्पाद निर्मित किए हैं। जो आपकी रोजमर्रा की जरूरत भी बन सकते हैं। शिखा ने जूट से टेबल मेट, फ्लोर मेट, डोर मेट, हैंगिंग चेयर, बास्केट और सुंदर कीचेन तैयार की हैं। इनकी कीमत 50 से 2500 रुपये तक है।
बड़े काम का है इको फ्रेंडली थैला
शिखा मजूमदार ने बताया कि उन्होंने एक ऐसा थैला बनाया है जो आपके काम आ सकता है। इस थैले को तैयार करने में एक से डेढ़ दिन का समय लगता है। अन्य उत्पादों की अपेक्षा इसमें जूट का काम बड़ी बारीकी से किया गया है। उन्होंने बताया कि इसमें आप करीब 15 से 20 किलो तक का सामान रख सकते हैं। साथ ही इसे प्रयोग में लाकर आप पर्यावरण को पॉलीथिन से होने वाले नुकसान से भी बचा सकते हैं। इसकी कीमत 350 रुपये है। इसकी देश से बाहर भी मांग है लेकिन यहां पर अधिकतर लोग इसकी खासियत और डिजाइन को देखकर खरीद रहे हैं। जूट के सामान बनाने के साथ ही मैं लोगों को इसे बनाने की ट्रेनिंग भी देती हूं।