भारत को पहला महिला विश्वकप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाली आगरा की बेटी दीप्ति शर्मा की ईश्वर में गहरी आस्था है। वह बजरंगबली की भक्त हैं। साथ ही मंगलवार को व्रत भी रखती हैं। हनुमानजी पर उनकी श्रद्धा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वह शहर से बाहर देश या विदेश में होती हैं तो वहां गूगल से ढूंढकर मंदिर पहुंच जाती हैं।
अवधपुरी निवासी दीप्ति के पिता श्रीभगवान शर्मा ने बताया कि टीम इंडिया में चुने जाने के बाद दीप्ति की आस्था पर कई बार सवाल उठे, लेकिन उन्होंने कभी अपनी भक्ति नहीं छोड़ी। वह कड़ी मेहनत करने के साथ ईश्वर में भी विश्वास रखती हैं। दीप्ति प्रतिदिन सुबह उठाकर हनुमानजी की पूजा करती हैं और शाम को सोने से पहले हनुमान चालीसा का पाठ करती हैं। उन्होंने बताया कि दूसरे राज्यों व विदेश में भी वह गूगल की मदद से ढूंढकर मंदिर जरूर जाती हैं। अपनी साथ हनुमानजी की मूर्ति रखती हैं और जब होटल रूम में ठहरती हैं, तो भी पूजा करती हैं।
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दीप्ति के बचपन की मित्र प्रियांशी उपमन्यु बताती हैं कि वह प्रत्येक मंगलवार को मंदिर जरूर जाती हैं। वह जब भी घर आती हैं तो मंगलवार का व्रत करने के साथ सुंदरकांड का पाठ करती हैं। दीप्ति ने अपने हाथ पर हनुमानजी का टैटू बनवाया है। साथ ही गले में बजरंगबली का पैंडल पहनती हैं। विश्वकप के दाैरान इंदाैर में हुए मैच से पहले भी वह उज्जैन में महाकाल के दर्शन करने पहुंची थीं।
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छिपकली से लगता है डर
मैदान पर प्रतिद्वंद्वियों के छक्के छुड़ाने वाली दीप्ति को छिपकली से बहुत डर लगता है। उनके पिता श्रीभगवान शर्मा कहते हैं, दीप्ति जब भी घर आती है तो सबसे पहले दीवारों की ओर देखने लगती है। छिपकली से इतना डरती है कि अगर छिपकली दिख जाए तो एक कदम आगे नहीं बढ़ाती। कहती है पहले इसे भगाओ तब मैं अंदर आऊंगी।
