Hello, there is someone else in my seat... where should I sit

स्लीपर में घुसे अनार​क्षित यात्री। 
– फोटो : amar ujala

संवाद न्यूज एजेंसी

झांसी। ललितपुर से दिल्ली जाने के लिए निकले अमन दुबे बुधवार को दुर्ग एक्सप्रेस पकड़ने स्टेशन पहुंचे तो भीड़ देख उन्हें पसीना छूट गया। स्लीपर कोच एस-5 में सीट नंबर 12 उनके नाम बुक थी। ट्रेन में चढ़ने की कोशिश करने लगे तो पहले से गेट पर जमा यात्री उन्हें अंदर जाने की जगह नहीं दे रहे थे। किसी तरह अंदर पहुंचे तो उनकी सीट पर किसी और का कब्जा था। परेशान अमन दुबे ने 139 पर शिकायत की और बताया कि सीट तो दूर की बात, ट्रेन में चढ़ने की भी जगह नहीं मिल रही। यह अमन जैसे सैकड़ों यात्रियों की रोजाना की कहानी है कि कन्फर्म टिकट होने के बाद भी वह ठीक से सफर नहीं कर पाते।

झांसी रेलवे स्टेशन से गुजरने वाली लगभग सभी ट्रेनों का यही हाल यह है कि जिन यात्रियों की सीट है, उन्हें अनाधिकृत यात्री उनकी ही सीट पर नहीं बैठने दे रहे। रेलवे के पास ऐसी शिकायतों का अंबार लगा है, जिसमें वह अपनी सीट खाली कराने की गुहार लगा रहे हैं। लेकिन, नतीजा कुछ नहीं निकल रहा। ऐसा इसलिए हो रहा है कि रेलवे ने एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों के स्लीपर कोचों की संख्या घटाकर आधी कर दी है और थर्ड एसी कोचों की संख्या बढ़ा दी है। इस निर्णय से स्लीपर का किराया देकर यात्रा करने वाले यात्रियों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। पांच स्लीपर कोच वाली ट्रेन में दस कोच के यात्री घुस जा रहे हैं। कंफर्म टिकट वाले यात्रियों की सीट पर भी कब्जा कर ले रहे हैं।

एक टीटीई के हवाले पूरी ट्रेन

यात्रियों की बढ़ती भीड़ और टिकट चेकिंग स्टाफ की कमी के चलते ट्रेनों के स्लीपर और थर्ड एसी कोच की व्यवस्था बदहाल है। एक ट्रेन में मात्र एक टिकट चेकिंग स्टाफ की तैनाती के चलते अनाधिकृत लोगों की भीड़ बढ़ी है।

यह बाेले यात्री

बरौनी-ग्वालियर मेल के थर्ड एसी बी-2 कोच में सवार यात्री अनिल चंदेल ने एक्स पर शिकायत करते हुए बताया कि पूरे कोच में अनाधिकृत यात्री सीटों पर सवार हैं। उनकी सीट पर भी चार लोग बैठे हैं और उन्हें बैठने तक नहीं दे रहे।

पंजाब मेल के एस-1 कोच में यात्रा कर रहे धर्मेंद्र सिंह ने रेल मदद पर शिकायत दर्ज कराई कि उनकी सीट पर बिना टिकट यात्रियों ने अपना सामान रख लिया है और हटने के लिए कहने पर लड़ने को उतारू हैं। उन्हाेंने कहा कि यही स्थिति आरक्षित कोच की है तो फिर इसे भी सामान्य कोच घोषित कर दें।

– कुशीनगर एक्सप्रेस के एस-4 कोच में सवार अश्विनी ने बताया कि वह अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं। साथ में दो साल का बच्चा है और बिना टिकट लोगों ने कोच में पैर रखने की भी जगह नहीं छोड़ी है। ऐसे में वह अपनी सीट पर कैसे पहुंचें।

वर्जन

ट्रेनों में सामान्य टिकट पर यात्रा करने वालों के लिए जल्द ही जनरल कोच बढ़ाए जाएंगे। यदि किसी यात्री को परेशानी का सामना करना पड़ता है तो नजदीकी स्टेशन पर आरपीएफ और ऑनबोर्ड स्टाफ अटेंड करता है।

मनोज कुमार सिंह, जनसंपर्क अधिकारी, झांसी रेल मंडल।



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