रोजगार की पिच पर मुकाबला तेज है, पर आईटीआई पास विद्यार्थियों की पारी लगातार छोटी होती जा रही है। राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) अलीगंज में विद्यार्थियों को अब भी पुराने ढांचे और तकनीक पर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके चलते तकनीकी संस्थानों से पास होने के बावजूद युवाओं की निजी क्षेत्र में रोजगार में भागीदारी घट रही है।
मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, हीरो मोटर्स जैसी अग्रणी कंपनियां अब उन युवाओं को प्राथमिकता दे रही हैं, जिन्होंने आधुनिक तकनीकों के साथ प्रशिक्षण प्राप्त किया हो। इस बदलाव के चलते आईटीआई के पारंपरिक पाठ्यक्रम से प्रशिक्षित छात्रों की मांग घट रही है।
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कौशल विकास मिशन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मई 2025 तक अलीगंज राजकीय आईटीआई में कुल 17 रोजगार मेले आयोजित किए गए, जिसमें 3227 अभ्यर्थियों ने भाग लिया। इनमें से इनमें से 2215 युवाओं को रोजगार मिला, पर इनमें केवल 403 ही आईटीआई पास थे। शेष 1812 चयनित अभ्यर्थी अन्य शैक्षिक पृष्ठभूमि जैसे इंटरमीडिएट, स्नातक, परास्नातक, बीटेक, एमबीए आदि से थे।
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