
बताया कि जालौन के धंतौली के पास उसका ट्राला खराब हो गया है। इस पर उसने लोकेंद्र ने अपने दोस्त रिशु को फोन लगाया और कहा कि जालौन में उसके भाई का ट्राला खराब हो गया है। इस पर रिशु ने बताया कि वह तो झांसी में है और अहमदाबाद जा रहा है। इस पर लोकेंद्र ने रिशु व उसके चाचा रंजीत परिहार को जालौन तक चलने के लिए कहा और बोला कि वह उसे बाइक से छोड़कर वापस आ जाएं।

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Jalaun Road Accident
– फोटो : amar ujala
हादसे में हेल्पर सहित तीनों की मौत
इस पर तीनों एक ही बाइक से धंतौली पहुंचे और पांचों ने एक साथ खाना खाया। इसके बाद रिशु का चाचा रंजीत व लोकेंद्र का भाई रंजीत दोनों ट्राला की केबिन में लेट गए। जबकि लोकेंद्र यादव, रिशु परिहार व केशवेंद्र उर्फ पाटू ट्राला के आगे बिस्तर बिछाकर लेट गए। तभी सवा चार बजे ट्रक ने ठ्राला में पीछे से टक्कर मार दी। हादसे में हेल्पर सहित तीनों की मौत हो गई। घटना से कोहराम मच गया।

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भइया आप चिंता न करना दोस्तों को लेकर पहुंच रहा हूं
रंजीत का ट्राला जैसे ही जालौन कोतवाली क्षेत्र के धंतौली के पास खराब हुआ,तो उसने अपने हेल्पर से केशवेंद्र से कहा कि अब क्या किया जाए। तभी रंजीत ने अपने छोटे भाई लोकेंद्र को फोन कर पूरी बात बताई तो उसने कहा कि आप परेशान न हों, वह वहीं के रहने वाले अपने दोस्तों को लेकर कुछ ही घंटो में पहुंच रहा है।

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भाई हमेशा के लिए चला गया
रात को ही लोकेंद्र रिशु व रंजीत को लेकर पहुंच गया। जैसे ही हादसा हुआ तो लोकेंद्र की मौत हो गई। जब रंजीत ने अपने छोटे भाई, हेल्पर व उसके दोस्त का शव देखा, तो वह फफक फफक कर रोने लगा। वह बोला कि अगर उसे पता होता कि उसका भाई हमेशा के लिए चला जाएगा, तो वह उसे कभी न बुलाता। वह चाहे जितना भी परेशान हो जाता।

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एक्सप्रेसवे पर खड़े वाहनों को किनारे तक नहीं करवाते कर्मचारी
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से निकलने वाले वाहनों से टोल तो वसूला जाता है, लेकिन उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी यूपीडा के पास नहीं है। अगर वाहन खराब हो जाता है, तो उसको किनारे पर खड़ा करवाने के लिए आपको ही प्रयास करना पड़ेगा। जबकि एक्सप्रेसवे के पास खुद की क्रेन मौजूद हैं।