लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं तकनीकी संकाय के बीसीए कोर्स में अब नई शिक्षा नीति लागू हो जाएगी। सत्र 2023-24 से इसमें मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था होगी। विद्यार्थी किसी भी साल में दाखिले के साथ कोर्स छोड़ भी सकेगा। कोर्स छोड़ने की स्थिति में उसका साल नहीं बर्बाद होगा और सर्टिफिकेट या डिप्लोमा मिल सकेगा। वहीं, दोबारा पढ़ाई शुरू करने पर उसे सिर्फ बचे कोर्स की ही पढ़ाई करनी होगी।इंजीनियरिंग संकाय के डीन प्रो. एके सिंह ने बताया कि लविवि नई शिक्षा नीति-2020 को अपनाने वाला भारत का पहला विश्वविद्यालय है। एनईपी व्यावहारिक शिक्षा की जरूरत पर जोर देती है। संकाय के शिक्षकों ने बीसीए पाठ्यक्रम ऐसे विकसित किया है, जिससे छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान का अनुभव मिले और वे वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार हों। इससे छात्रों में को व्यावहारिक कौशल विकसित करने और रोजगार के लिए तैयार होने में सहायता मिलेगी।
इसी के तहत बीसीए में मल्टीपल एंट्री एंड एग्जिट की सुविधा दी जा रही है। इसके अनुसार छात्र बीसीए का प्रथम वर्ष पूरा होने पर कोर्स छोड़ना चाहे तो उसे कंप्यूटर एप्लीकेशन में सर्टिफिकेट मिलेगा। द्वितीय वर्ष पूर्ण होने पर कोर्स छोड़ने पर कंप्यूटर एप्लीकेशन में डिप्लोमा मिलेगा। बीसीए तृतीय वर्ष पूर्ण होने पर बीसीए की डिग्री दी जाएगी। तीसरे साल में 7.5 से अधिक सीजीपीए वाले छात्रों को बीसीए बाय रिसर्च डिग्री के लिए चौथे साल में दाखिला दिया जाएगा। चौथे साल की पढ़ाई पूरी करने पर बीसीए बाय रिसर्च डिग्री दी जाएगी।