मुजफ्फरनगर। (Muzaffarnagar News) जनपद मुजफ्फरनगर में स्टाम्प राजस्व संग्रहण को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए निर्धारित ₹424 करोड़ के वार्षिक लक्ष्य की पूर्ति में अब भी बड़ी कमी देखी जा रही है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 तक जनपद में मात्र ₹326.85 करोड़ (93.12%) का राजस्व संग्रह किया गया है, जो वार्षिक लक्ष्य का मात्र 77.08% ही है।
इस स्थिति को देखते हुए अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व श्री गजेंद्र कुमार ने अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि मार्च 2025 के आखिरी महीने में शत-प्रतिशत राजस्व लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। प्रशासन ने कई सख्त फैसले लिए हैं, जिनमें छुट्टियों को रद्द कर कार्यदिवस घोषित करना भी शामिल है।
मार्च में रविवार भी रहेंगे कामकाजी! छुट्टियों की भरपाई का आदेश
अपर जिलाधिकारी के आदेशानुसार, मार्च 2025 में कई सार्वजनिक अवकाशों के कारण कार्यदिवसों की कमी हो सकती है।
- होली के चलते 13 और 14 मार्च को सार्वजनिक अवकाश रहेगा।
- 15 मार्च को निर्बंधित अवकाश भी होगा।
- ऐसे में, प्रशासन ने रविवार और द्वितीय शनिवार को भी कार्यालय खोलने का फैसला किया है।
इन दिनों में खुले रहेंगे कार्यालय:
📌 02 मार्च (रविवार)
📌 08 मार्च (द्वितीय शनिवार)
📌 09 मार्च (रविवार)
📌 16 मार्च (रविवार)
📌 23 मार्च (रविवार)
📌 30 मार्च (रविवार)
इस आदेश के तहत, समस्त उप निबंधक कार्यालय खुलेंगे और विलेख पंजीकरण (Document Registration) का कार्य सामान्य दिनों की तरह जारी रहेगा।
बार एसोसिएशंस और दस्तावेज लेखक संघ को सूचित करने के निर्देश
प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों, बार एसोसिएशंस, दस्तावेज लेखक संघों और आम जनता को सूचित करने के लिए विशेष प्रचार अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं।
क्यों उठाए जा रहे हैं इतने सख्त कदम?
1. लक्ष्य से अब भी ₹97.15 करोड़ की कमी
वार्षिक लक्ष्य ₹424 करोड़ है, लेकिन जनवरी 2025 तक केवल ₹326.85 करोड़ का राजस्व एकत्र किया गया है। अब अंतिम एक महीने में ₹97.15 करोड़ जुटाने का दबाव है।
2. मार्च में कार्यदिवसों की संख्या बेहद कम
अवकाशों की अधिकता के कारण राजस्व संग्रहण की गति धीमी हो सकती है। इसलिए, प्रशासन ने रविवार और अन्य अवकाशों को भी कामकाजी दिन घोषित किया है।
3. स्टाम्प ड्यूटी से सरकार को बड़ा राजस्व मिलता है
स्टाम्प ड्यूटी, सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत है। भूमि खरीद-बिक्री, रजिस्ट्री, गिफ्ट डीड, पट्टा आदि पर स्टाम्प शुल्क लगता है, जिससे बड़ी रकम आती है।
आम जनता और अधिवक्ताओं पर पड़ेगा असर
प्रशासन के इस निर्णय से अधिवक्ताओं, दस्तावेज लेखकों और आम नागरिकों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।
- रविवार को भी विलेख पंजीकरण के लिए कार्यालयों में आना पड़ेगा।
- वकीलों और दस्तावेज लेखकों को अतिरिक्त कार्यभार झेलना पड़ेगा।
- जनता को समय पर रजिस्ट्री करवाने का फायदा मिलेगा, लेकिन छुट्टियों में आराम नहीं कर पाएंगे।
कर्मचारियों को भी नहीं मिलेगी राहत, अवकाश रद्द!
अपर जिलाधिकारी ने सभी कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मार्च 2025 में किसी भी अपरिहार्य परिस्थिति को छोड़कर कोई भी अवकाश या स्टेशन लीव अनुमन्य नहीं होगी।
👉 मतलब, कोई भी सरकारी कर्मचारी मार्च में छुट्टी नहीं ले सकेगा।
👉 छुट्टी या लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।
राजस्व वृद्धि के लिए उठाए जा रहे अन्य कदम
प्रशासन सिर्फ कार्यालय खोलने तक सीमित नहीं रहा, बल्कि स्टाम्प ड्यूटी संग्रह बढ़ाने के लिए कई अन्य कदम भी उठा रहा है।
1. ऑनलाइन स्टाम्प पंजीकरण को बढ़ावा
👉 e-Stamping और ऑनलाइन रजिस्ट्री को प्रमोट किया जा रहा है, ताकि लोग डिजिटल माध्यम से भी राजस्व में योगदान कर सकें।
2. प्रॉपर्टी डीलरों और वकीलों को निर्देश
👉 बड़े पैमाने पर प्रॉपर्टी खरीद-फरोख्त करवाने के लिए प्रॉपर्टी डीलरों से संपर्क किया गया है।
👉 वकीलों को क्लाइंट्स को समय पर दस्तावेज तैयार करने के लिए प्रेरित करने को कहा गया है।
3. जुर्माना लगाने का प्रस्ताव
👉 जो लोग तय समय में अपनी रजिस्ट्री नहीं करवाएंगे, उन पर अतिरिक्त शुल्क लगाने का भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
प्रशासन सख्त, लापरवाही बर्दाश्त नहीं!
अपर जिलाधिकारी ने चेतावनी दी है कि अगर कोई भी कर्मचारी या संबंधित विभाग आदेशों का पालन नहीं करता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
👉 काम में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
👉 कोई भी कर्मचारी बिना अनुमति के छुट्टी नहीं ले सकेगा।
जनता को कैसे मिलेगा फायदा?
💡 रजिस्ट्री कार्य जल्दी निपटाने का मौका मिलेगा।
💡 बाजार में प्रॉपर्टी सौदों की संख्या बढ़ सकती है।
💡 सरकार को राजस्व लक्ष्य हासिल करने में मदद मिलेगी।
क्या इससे लक्ष्य पूरा हो सकेगा?
मार्च 2025 में प्रशासन की इस सख्ती से राजस्व लक्ष्य पूरा होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या ये प्रयास ₹97.15 करोड़ की कमी को पूरा कर पाएंगे?
फिलहाल, मुजफ्फरनगर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में आ चुका है। अब देखना होगा कि जनता, वकील और अधिकारी इस नए नियम का किस तरह पालन करते हैं।