Officials are not looking at the condition of schools, how can education be improved?

कलेक्ट्रेट सभागार में जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति, जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक लेते डी
– फोटो : कलेक्ट्रेट सभागार में जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति, जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक लेते डीएम। स्रोतः प्रशासन

मैनपुरी। जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति, जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति, एमडीएम वितरण की डीएम ने बुधवार को मासिक समीक्षा की। इसमें सामने आया कि अधिकारियों द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। डीएम ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई।

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कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में डीएम अंजनी कुमार सिंह ने कहा कि बार-बार निर्देशों के बाद भी ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स के अधिकारियों द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किया जा रहा है। विकास खंड सदर, करहल की ब्लॉक स्तरीय टास्क फोर्स के निरीक्षण की प्रगति बेहद खराब है। ब्लाक स्तरीय टास्क फोर्स समिति में उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, नायब तहसीलदार, सहायक विकास अधिकारी पंचायत, प्रभारी चिकित्साधिकारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी को प्रतिमाह कम से कम 5-5 विद्यालयों के निरीक्षण करना है।

बीती बैठक में दिए निर्देशों का भी पालन नहीं

डीएम ने बताया कि पिछली बैठक में निर्देशित किए जाने के बावजूद प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकृत, अवशेष छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की प्रगति में कोई सुधार नहीं हुआ है। अभी 8809 छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र जारी होना शेष हैं। खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र के विद्यालयों में शैक्षिक वातावरण सुधारने की दिशा में कार्य करें, जो शिक्षक समय से विद्यालय न पहुंचे, जिन अध्यापकों के द्वारा शैक्षणिक कार्य में लापरवाही बरती जा रही है उन्हें चिन्हित कर कार्यवाही करें।

49 विद्यालयों में बालिकाओं के लिए नहीं शौचालय

ऑपरेशन कायाकल्प की समीक्षा में पाया गया कि शासन के 19 बिंदुओं से संतृप्त होने में 130 विद्यालयों में दिव्यांग शौचालय, 64 विद्यालय की बाउंड्रीवॉल एवं 36 विद्यालय में बालक शौचालय, 49 विद्यालयों में बालिका शौचालय नहीं बने हैं।



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