बच्चों पर पढ़ाई का बढ़ता बोझ उनके पेट दर्द की भी वजह बन रहा है। लखनऊ स्थित संजय गांधी पीजीआई में हुए अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है। इसके मुताबिक 39.3 प्रतिशत बच्चों में पेट दर्द की वजह तनाव और 22.3 फीसदी में तनाव का कारण पढ़ाई का दबाव था। पीजीआई के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग में हुआ यह अध्ययन जेजी ओपन जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

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अध्ययन में अप्रैल 2018 से मार्च 2020 के दौरान विभाग में आए 3973 बच्चों को शामिल किया गया। इनमें से 479 को पेट दर्द की समस्या थी। इन बच्चों की औसत आयु 12.3 वर्ष थी। इनमें से 60 फीसदी बालक और 40 फीसदी बालिकाएं थीं। 

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इन बच्चों की विस्तृत जांच की गई। 83.7 फीसदी का अल्ट्रासाउंड भी किया गया, लेकिन दर्द की विशेष वजह सामने नहीं आई। डॉ. जयेंद्र सीतारामन, डॉ. उज्जवल पोद्दार, डॉ. अंशु श्रीवास्तव, डॉ. मोइनाक सेन शर्मा और डॉ. सुरेंद्र कुमार याच्छा ने यह अध्ययन किया है।

बच्चों में तनाव के अन्य कारण भी

अध्ययन के दौरान बच्चों में तनाव के अन्य कारण भी मिले। 6.8 फीसदी मामले में अभिभावकों का दबाव वजह निकली। 4.1 फीसदी भाई-बहन का प्रदर्शन और 2.1 फीसदी बच्चों में तनाव सहपाठियों की छेड़छाड़ की वजह से था।

63 फीसदी में नहीं मिली दर्द की ठोस वजह

अध्ययन में पेट दर्द की समस्या वाले करीब 63 फीसदी बच्चों में इसका कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया। 15 फीसदी में कार्यात्मक अपच, 17.4 फीसदी में चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम (आईबीएस) और 4.6 फीसदी में पेट दर्द के एक से ज्यादा कारण थे। बच्चों ने उल्टी, पानी जैसा मल और कब्ज की समस्या भी बताई।



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