problem in appointment of TA in UP two companies came in tender out of which one company is banned

ऊर्जा मंत्री एके शर्मा।
– फोटो : amar ujala

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यूपी की राजधानी लखनऊ में पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण प्रस्ताव में एक के बाद एक बाधा सामने आ रही है। एक तरफ कार्मिक विरोध कर रहे हैं तो दूसरी तरफ बार-बार नियमावली बदलनी पड़ रही है। शनिवार को निविदा भरने का अंतिम दिन था। ऐसे में सिर्फ दो कंपनियां ही निविदा में हिस्सा ले रही हैं। नियमावली के तहत बिना तीन कंपनी के हिस्सा लिए तकनीकी निविदा नहीं खोली जा सकती है।

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पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के निजीकरण प्रस्ताव के तहत ट्रांजक्शन एडवाइजर की नियुक्ति हो रही है। इसके लिए सात कंपनियों ने निविदा में हिस्सा लेने की तैयारी की थी, लेकिन शनिवार दोपहर तीन बजे तक सिर्फ दो कंपनियों ने ही निविदा भरी है। 



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