अमर उजाला ब्यूरो

झांसी। महानगर में गर्मी में पेयजल संकट से निपटने की तैयारी शुरू हो गई है। पिछले दो साल से बिछाई जा रही पाइप लाइन का काम कुछ दिनों में खत्म कर लिया जाएगा। इससे महानगर में पेयजल संकट झेल रहे करीब 1.05 लाख लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है।

जल निगम के अफसरों का दावा है कि पाइप लाइन बिछने के बाद अप्रैल से नए कनेक्शनधारकों के घरों तक पानी पहुंचेगा। इससे दशकों से पेयजल संकट से जूझ रहे लोग राहत महसूस कर सकेंगे। अफसरों का कहना है कि 600 करोड़ रुपये से आरंभ हुई महानगर पुनर्गठन पेयजल योजना के जरिए महानगर को 195 एमएलडी पानी मिलना है। शुरुआत में 35 एमएलडी पानी दिया जाएगा। महानगर तक पानी पहुंचाने के लिए 25 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई गई लेकिन, पिछले डेढ़ साल से यह काम बबीना में अटका था। यहां डेढ़ किलोमीटर लंबी पहाड़ी न कट पाने से पाइप लाइन नहीं बिछ पा रही थी। गर्मी से पहले आपूर्ति आरंभ करने के लिए काफी मशक्कत करके यह काम पूरा किया गया। कुछ दिनों में काम खत्म हो जाएगा। जल निगम अफसरों के मुताबिक, पानी की टंकी एवं सीपी टैंक का काम भी पूरा हो चुका। ऐसे में अप्रैल से नए संयोजनों तक आपूर्ति आरंभ हो जाएगी।

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अभी सिर्फ 70 एमएलडी पानी की आपूर्ति

आबादी के लिहाज से महानगर को करीब 130 एमएलडी पीने के पानी की जरूरत है लेकिन, जल संस्थान सिर्फ 70 एमएलडी पानी की आपूर्ति कर पा रहा है। अप्रैल से 35 एमएलडी पानी मिलने की उम्मीद है। इस तरह कुल 105 एमएलडी पानी जलापूर्ति के लिए मिल सकेगा। जल संस्थान अफसरों का कहना है कि अभी तक पानी कम होने से जिन इलाकों में जल कनेक्शन थे, उनको भी पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता था।अतिरिक्त पानी मिलने से न सिर्फ नए कनेक्शनधारकों को पानी मिल सकेगा बल्कि पुराने इलाकों में भी पेयजल व्यवस्था दुरुस्त की जा सकेगी।

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इस क्षेत्र को मिलेगी सहूलियत

लहरगिर्द, बड़ागांव गेट बाहर, सागर गेट, तालपुरा, खातीबाबा, शिवाजी नगर, गुमनावारा, मेडिकल कॉलेज, कोछाभांवर, नंदनपुरा, नगरा, सीपरी बाजार, सिविल लाइन, हंसारी, बिजौली, सिमरथा, अयोध्यापुरी, महेद्रपुरी, मेवातीपुरा, दरीगरान, भगवंतपुरा और सिल्वर्टगंज समेत अन्य इलाकों के लोगों को फायदा होगा।

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हैंडपंपों की कराई जा रही मरम्मत

गर्मियों में पेयजल संकट दूर करने के लिए हैंडपंपों की मरम्मत कराने की तैयारी शुरू कर दी गई है। महानगर में 3000 हैंडपंप हैं। इसमें करीब 800 हैंडपंप खराब हैं। जल संस्थान हैंडपंपों की स्थिति जानने के लिए सर्वे करा रहा है।

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गर्मियों में टैंकर लगाते हैं 50 हजार चक्कर

जल संकट से निपटने के लिए जल संस्थान टैंकरों का संचालन करता है। तीन महीने में महानगर के भीतर टैंकर करीब 50 हजार चक्कर लगाकर पानी पहुंचाते हैं। इस बार भी जल संस्थान ने टैंकर संचालन की तैयारी की है। अफसरों का कहना है कि जिन क्षेत्रों में पाइप लाइन से पानी कम पहुंचेगा, वहां अप्रैल-मई के बीच टैंकरों का संचालन होगा।

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अमृत परियोजना का काम अंतिम चरण में है। गर्मियां शुरू होने से पहले यह काम पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद आपूर्ति आरंभ हो जाएगी। – मुकेश पाल सिंह, अधिशासी अभियंता, जल निगम



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