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Roads have turned into potholes, causing difficulty in commuting

गड्ढा मुक्त अभियान के बाद भी जर्जर चौथ हसनपुर मार्ग। 
– फोटो : संवाद

उरई/कुठौंद। बजट के अभाव में जिले में सड़कों की स्थिति ठीक नहीं हो पा रही है। समय सीमा निकलने के बाद भी हालात जस के तस बने हैं। लेकिन कागजों में सब कुछ ठीक चल रहा है। कुठौंद ब्लाक में जर्जर सड़कें विकास की पोल खोल रही हैं। आलम यह है कि कई प्रमुख सड़कों पर कई-कई फीट गहरे गड्ढे हो गए हैं। कुछ सड़कें दस दस साल से बदहाल पड़ी हैं। अब इन सड़कों से वाहनों की निकासी तो दूर सुरक्षित पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। यह स्थिति कुठौंद से जुगराजपुर, सुरावली, कुठौंद-जालौन देवी और कई सड़कों की है।

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ब्लाक के ऑल गांव निवासी रामस्वरूप दोहरे ने बताया कि जुगराजपुर मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं। अभियान में सड़क में आठ से दस गड्ढे भरकर अभियान को पूरा कर लिया गया है। सड़क खराब होने से कई लोग गिरकर चुटहिल हो चुके हैं। आने जाने वालों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। ग्रामीण रामबरन पाल ने बताया कि काफी दिनों के बाद जालौन माता मंदिर जाने वाली सड़क बनने से विकास की उम्मीद जगी थी। मंदिर में बहुत दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इस रास्ते से दर्जनों गांवों के लोग निकलते हैं। रास्ता खोद कर छोड़ दिया गया। सड़क तो बनी नहीं बल्कि परेशानी जरूर बढ़ गई। वह सड़क पर गिरकर घायल हो चुके हैं। अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग महेंद्र सिंह ने कहा कि इन सभी सड़कों के नवीनीकरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गए हैं। बजट जारी होते ही सड़कों को बनवा दिया जाएगा।

स्कूल नहीं पहुंच पा रहे बच्चे

कुठौंद के जुगराजपुर मार्ग पर लाइन से करीब पांच सौै से ज्यादा गहरे गड्ढे हो गए हैं। सड़क पर पैदल चलना भी मुश्किल है। कई लोग इस सड़क पर गिर कर घायल हो चुके हैं। आल, बिजवाहा, टिकरी, करमुखा, जुगराजपुर आदि गांवों के बच्चों को साइकिल या पैदल स्कूल जाने में परेशानी हो रही है। बरसात में यह सड़क दलदल में तब्दील हो गई थी। गड्ढा मुक्त अभियान में आठ किलोमीटर लंबी सड़क में दस गड्ढे भरकर खानापूर्ति कर दी गई।

बीस साल से नहीं बनी सड़क, गर्भवतियों को होती परेशानी

सुरावली गांव को जाने वाली सड़क 20 सालों से नहीं बनी है। इस वजह से सड़क से गिट्टी गायब हो गई है। हालत यह है कि गांव में एंबुलेंस तक नहीं पहुंच पा रही है। जिससे प्रसव के लिए अस्पताल जाने वाली महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रधान प्रतिनिधि विवेक पाठक का कहना है कि जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक सभी से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी सड़क नहीं बन पाई है।

एक साल पहले भरे गड्ढे, दोबारा फिर हो गए

ब्लाक के स्टेट हाईवे से लिंक रोड चौथ हसनपुर मार्ग पर गड्ढामुक्त अभियान की अवधि पूरे होने के बाद भी गड्ढे नहीं भरे गए। ग्रामीणों ने बताया कि एक वर्ष पहले सड़क के गड्ढों को भरा गया था। लोगों को उम्मीद थी कि अब कुछ सालों तक उन्हें परेशान नहीं होना पड़ेगा। लेकिन सड़क एक साल भी नहीं चल पाई और फिर से सड़क करीब पचास से अधिक गड्ढों में तब्दील हो गई। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

गांव तक नहीं पहुंच रहा विकास

ब्लाक के ईटों अजीतापुर मार्ग की दूरी करीब दो किलोमीटर है। गड्ढा मुक्त अभियान के बाद भी सड़क की स्थिति नहीं सुधर सकी है। करीब दस साल से सड़क की हालत नहीं सुधर सकी है। ग्रामीण नदीम,धर्मेंद्र,अशरफ, गनी आदि का कहना है कि गड्ढा मुक्त अभियान सिर्फ शहरों तक ही सिमट कर रह गया है। लेकिन गांवों की सड़कों पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।



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