
आगरा में थाना सिकंदरा क्षेत्र के गांव नगला नाथू में यमुना में डूबकर तीन सगी बहनों सहित छह किशोरियों की मौत हो गई। तीन सगी बहनें अपनी हमउम्र मौसी, मौसेरी बहन और चचेरे भाई-बहनों के साथ नहाने गई थीं। इस हादसे के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है।
मौसी के घर छुट्टी बिताने आई थीं
शिवानी और सोनम की मौत ने परिजन को तोड़ दिया है। शिवानी वकील बनना चाहती थी। सोनम का सपना पुलिस अफसर बनने का था।सिकंदरा क्षेत्र के नगला नाथु में मौसी के घर छुट्टी बिताने गईं शिवानी और सोनम की मंगलवार को यमुना नदी में डूबने से मौत हो गई। शिवानी ने हाईस्कूल में अच्छे अंक पाए थे। वह वकील बनना चाहती थी। परिवार में बातचीत के दौरान कहती कि वह गरीब और पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए काम करेगी।
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परिजनों में कोहराम मच गया।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पिता फैक्टरी में करते हैं मजदूरी
शिवानी के पिता सुंदरलाल सिकंदरा स्थित फैक्टरी में मजदूरी करते हैं और उन्होंने अपनी बेटी की पढ़ाई के खर्चे के लिए गहने गिरवी रख दिए थे। शिवानी की मां इंद्रा देवी विलाप कर रही थीं कि उनकी बेटी के सपनों को किसकी नजर लग गई। सोनम घर में सबसे छोटी थी, पुलिस अफसर बनना चाहती थी। जैसे कि उसके पिता अशोक हैं। अशोक सांसद रामजीलाल सुमन की सुरक्षा में तैनात हैं। मां ममता देवी अपनी बेटी की मौत से टूट गई हैं। रोते हुए बोलीं कि सोनम बहुत लाडली थी। भाइयों के साथ साइकिल पर बैठकर स्कूल जाती थी। वह पुलिस अफसर बनने का सपना देखती थी। सोनम के दो बड़े भाई मोहित और निशु हैं।

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माैत से पहले बनाई रील।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
यमुना में सेल्फी, रील बना रही थीं किशोरियां
यमुना में हादसे से एक दिन पहले मुस्कान ने अपनी मौसेरी बहन और मौसी के साथ नदी में उछलकूद करते हुए रील बनाईं थीं। सेल्फी भी ली गई थीं। हादसे के बाद यमुना नदी में रील का एक वीडियो भी सामने आया है। दीपेश ने बताया कि बहनें अकसर नदी में मौज मस्ती करते हुए वीडियो बना लेती थीं। यमुनापार से मौसी, मौसेरी बहन के आने के बाद सोमवार को भी यमुना में नहाने पहुंची थीं। तब कई रील बनाई थीं। मंगलवार को भी किशोरियां अपने साथ मोबाइल ले गई थीं। परिजन यह नहीं बता सके कि मंगलवार को हादसे से पहले भी रील बनाई थीं या नहीं।
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यमुना में नहाने गई बहनें।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
लखनऊ से घनघनाए फोन, दौड़े अफसर
यमुना नदी में छह बच्चियों के डूबने की घटना की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री सचिवालय से फोन घनघनाने लगे। लखनऊ से घटना की जानकारी ली गई। जिलाधिकारी अरविंद मलल्प्पा बंगारी, एडिशनल सीपी राम बदन सिंह, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल के साथ ही कई थानों का फोर्स घटनास्थल पर पहुंच गया था। तहसील का स्टाफ भी मौके पर पहुंच गया।

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घटना से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पोस्टमार्टम के लिए परिजन को मनाया
हादसे में चार बच्चियों की मौत के बाद परिजन पोस्टमार्टम कराने को तैयार नहीं थे। परिजन का कहना था कि वह अब कोई कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते हैं। इस पर नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने मृतकों के दादा और अन्य परिजन को समझाया कि पोस्टमार्टम नहीं होगा तो मुआवजे में भी दिक्कत आएगी। वह काफी देर तक परिजन को ढांढस बंधाकर समझाते रहे। कहा कि अन्य बच्चों की अच्छी परवरिश के बारे में सोचो। उन्हें भी आपको ही देखना है। इसके बाद ही पोस्टमार्टम को तैयार हुए।
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