डीएलएड परीक्षा शुरू होने से पहले ही शिक्षक भाइयों ने अपना जाल बिछा दिया था। 27 अक्तूबर से यह परीक्षा शुरू हुई और 26 अक्तूबर को ही उन्होंने टेलीग्राम ग्रुप पर पेपर बेचने शुरू कर दिए। करीब 80 लोगों ने इन्हें यूपीआईडी से भुगतान किया है, जिन्हें पेपर साल्व कर भेज दिए गए। अन्य प्रश्नपत्रों की भी अभी जांच की जा रही है, उनका कितना पैसा लिया गया। अभी इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं।

दरअसल, एसटीएफ को जानकारी मिली कि कुछ लोग डीएलएड परीक्षा के प्रथम और तृतीय सेमेस्टर प्रश्नपत्रों को परीक्षा से पूर्व आउट कराकर सही उत्तर के साथ देने का वादा कर रहे हैं और इसके लिए 3500 रुपये एक यूपीआईडी खाते पर फोन पे और अन्य माध्यमों से मंगा रहे हैं। एसटीएफ की लखनऊ यूनिट ने जांच की तो पता चला कि इगलास की केनरा बैंक शाखा खाता इस यूपीआईडी से लिंक है। इस खाते की जांच की गई तो 26 अक्तूबर से इस पर लगातार भुगतान किया जा रहा है। जिस नंबर से यह खाता लिंक है, पुष्पेंद्र का है। इसके बाद एसटीएफ और इगलास पुलिस ने सोमवार को पुष्पेंद्र और उसके भाई धर्मेंद्र को गिरफ्तार कर लिया।

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पुलिस के अनुसार धर्मेंद्र और पुष्पेंद्र ने बताया कि परीक्षार्थी का पैसा आने के बाद ये जिस टेलीग्राम ग्रुप पर पेपर उपलब्ध कराया जाता है, उसपर जोड़ देते थे और उस पर ही पेपर भेजे देते थे। इन्होंने पूछताछ में यह भी जानकारी दी है कि पहले भी कई परीक्षाओं में सेंधमारी का प्रयास इन्होंने किया है। पुलिस जांच कर रही है कि पहले किस-किस परीक्षा के पेपर इन्होंने आउट कराए हैं।

बीटीसी पेपर देने वाला सहित 15 सोशल मीडिया ग्रुप जांच के घेरे में

पुलिस के अनुसार नीतेश पांडे्य, हिमानी गुप्ता, ब्रो, सेकंड डे प्रो टेलीग्राम ग्रुप, गौतम जी, ऑनली संस्कृति, हेमलता वर्मा, आलोक कौशिक, हर्षित, जीएस वर्ल्ड, दिग्विजय गुड्डन, आशिया मलिक, कीर्ति,बीटीसी पेपर देने वाला,राधे-राधे ग्रुपों की जांच की जा रही है। इनपर पेपर दिया गया या इनका इस खुलासे का संबंध पाया गया है।ं



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