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मनवरिया दीवान गांव में लगी अरंडी की फसल को देखते शिक्षक।
तुलसीपुर (श्रावस्ती)। हरदत्त नगर गिरंट जंगल के सुजानडीह बीट के किनारे खेतों में बंदर व जंगली जीवों के आतंक से किसान खेत खाली छोड़ रहे हैं। कंपोजिट विद्यालय में तैनात सहायक शिक्षक ने इसे किराये पर लेकर अरंडी की खेती शुरू कर दी है।
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गोंडा जिले के थाना नवाबगंज क्षेत्र के ग्राम अगमपुर निवासी संजय कुमार श्रीवास्तव परिषदीय शिक्षक हैं। पहले वह सिरसिया में तैनात थे, वर्तमान में जमुनहा के कंपोजिट विद्यालय मनवरिया दीवान में वह सहायक शिक्षक हैं। जब उन्होंने देखा कि जंगल से सटे तमाम खेतों में किसान बंदर व जंगली जीवों के कारण खेती नहीं कर रहे हैं। तो उन्होंने किसानों से बात कर दो हजार रुपये प्रति बीघा की वार्षिक दर से 25 बीघा खेत किराये पर ले लिया। जिस पर वह अब अरंडी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अरंडी की खेती का विचार उन्हें सोशल मीडिया से मिला था। इसके बाद उन्होंने यू-ट्यूब से इसकी खेती सीख कर अहमदाबाद से 20 किलो बीज मंगवाकर अगस्त में बोआई की। विद्यालय से समय मिलने पर वह खेती देखते हैं। खेत की सुरक्षा के लिए गांव के ही राजितराम को हिस्सेदारी पर रखा है। उनके काम में पत्नी बीना श्रीवास्तव भी सहयोग करती हैं। बताते हैं कि अप्रैल तक तैयार होने वाली फसल ऑनलाइन बेचेंगे।
अरंडी को जानवर नहीं पहुंचाते नुकसान
शिक्षक ने बताया कि कोई भी जानवर अरंडी को नुकसान नहीं पहुंचाता। बंदर जरूर थोड़े फल तोड़ते हैं। बताते हैं कि परिवार में तीन बेटी व एक बेटा है। उनकी शिक्षा की व्यवस्था के लिए होने वाले खर्च को लेकर चिंतित रहता था। इसी कारण प्रयोग शुरू किया है। फायदा मिलने पर खेती का दायरा और बढ़ाएंगे। बताया, गांववासियों को भी इसके प्रति प्रेरित कर रहा हूं ताकि स्थानीय स्तर पर ही लोगों को रोजगार मिले।