कोंच। पिछले दिनों हुई बेमौसम बारिश के बाद फिर से अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। सोमवार को लगभग तीन सौ मरीज पहुंचे। सबसे ज्यादा मरीज बुखार, खासी, जुकाम व हाथ-पैर दर्द के आए। सीएचसी में 15 दिन से कप सिरप न होने से मरीजों को मजदूरी में बाहर से खरीद रहे हैं।

बेमौसम बारिश के कारण लोगों को नुकसान झेलना पड़ रहा है। एक तरफ किसानों में फसलें बर्बाद हुईं दूसरी तरफ बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक सर्दी, जुकाम, बुखार व बदन दर्द की चपेट में हैं। एक बार फिर अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गई है। सरकारी अस्पतालों से लेकर नर्सिंग होम तक मरीज लाइनों में लगे हैं।

-पिछले कई दिनों से स्टॉक में कफ सिरप नहीं है। जिला मुख्यालय पर दो हजार कफ सिरपों की डिमांड भेजी गई थी लेकिन 100 ही मिले, जो एक दिन भी नहीं चल सकेंगे।

विजय कुमार, चीफ फार्मासिस्ट, सीएचसी कोंच

सीएचसी में नहीं मिला कप सिरप, बाहर से लेना पड़ा

क्योलरी निवासी विपिन कुमार का कहना है कि उन्हें तीन-चार दिन से जुकाम के साथ खांसी आ रही थी। सोमवार को वह कोंच के सीएचसी में दिखाने आए थे। वह डॉक्टर को दिखाकर दवा काउंटर से दवा ली तो उन्होंने कप सिरप नहीं मिला। मजबूरी में बाहर जाकर पैसों से कप सिरप खरीदा।

समय से नही आ रहे डॉक्टर, कैसे हो मरीजों का इलाज

पीएचसी जगम्मनपुर में डॉक्टर व स्टॉफ समय से नहीं पहुंच रहे हैं। इसके चलते मरीजों को दिक्कतों जा सामना करना पड़ रहा हैं। अस्पताल में डॉक्टर व स्टाफ के अस्पताल समय से न आने के कारण मरीजों को कुठौंद व रामपुरा आठ किलोमीटर के लगभग का सफर तय करना पड़ रहा हैं। अस्पताल में तैनात डॉ. नीलम चितोरिया, डॉ. प्रदीप यादव, फार्मासिस्ट जयकुमार, स्टाफ नर्स प्रज्ञा गोस्वामी, लक्ष्मी व एएनएम साधना यादव समय से अस्पताल नहीं पहुंच रही है। अस्पताल का समय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक का है।

इसके चलते ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही हैं। अस्पताल के बाहर बैठक कर मरीज डॉक्टर साहब के आने का इंतजार करते हैं। पूर्व में जगम्मनपुर अस्पताल में सबसे अधिक प्रसव कराए जाते थे लेकिन वर्तमान में इसमें गिरावट आई हैं। ऐसे ही सुबह अस्पताल पर आने वाली गर्भवती महिलाओं को उपचार करने के लिए रामपुरा अस्पताल य फिर अन्य जगहों पर जाना पड़ रहा हैं। सीएचसी रामपुरा के चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रदीप राजपूत का कहना है कि जगम्मनपुर अस्पताल में डॉक्टर व फार्मासिस्ट के समय से न पहुंचने को लेकर जांच कराई जाएगी और कार्रवाई भी सुनिश्चित की जाएगी।

ओपीडी के बाहर जमीन पर बैठे मिले मरीज, वाहन स्टैंड पर जमी थी घास

उरई। सीएमओ डॉ.डीके भिटौरिया ने सोमवार की सुबह नेत्र अस्पताल का निरीक्षण किया। इस दौरान पर्चा व दवा काउंटर पर लंबी लाइनें और जमीन पर बैठे मरीज देखकर उनके बैठने के लिए कुर्सियां आदि का इंतजाम सुनिश्चित करने के लिए कहा।

उन्होंने अस्पताल परिसर में खड़े वाहनों की संख्या को लेकर वाहन व्यवस्थित तरीके से खड़े कराने को कहा। साथ ही वाहन स्टैंड पर जमी घासफूस को साफ कराकर वहां वाहन खड़े करने के निर्देश दिए। उन्होंने नेत्र अस्पताल में व्यवस्थाओं में सुधार के लिए सीएमएस डॉ. आनंद उपाध्याय से भी चर्चा की। उन्होंने नेत्र अस्पताल के प्रभारी डॉ. एके पांडेय व डॉ. जेजे राम से भी मरीजों की संख्या को लेकर वार्ता की। कहा कि अब सर्दी शुरू हो गई है। आंखों के ऑपरेशन करने वाले मरीजों की संख्या बढ़ेगी, इसलिए व्यवस्थाएं दुरुस्त कर लें। किसी मरीज को परेशानी नहीं होनी चाहिए। निरीक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ. आनंद प्रकाश वर्मा भी रहे। सीएमएस ने दवा काउंटर पर पहुंचकर दवाओं की एक्सपायरी डेट चेक की।

छह बुजुर्गों को दी चश्मा और कान की मशीन

सीएमओ कार्यालय पहुंचे छह बुजुर्गों को चश्मा और कान में सुनने वाली मशीन दी गई। दरअसल रमेश (75), रामबरन (60), निर्भय (73), शंभुदयाल (75), नंदराम (80), रामबाई (53) कम दिखाई और कम सुनाई देने की शिकायत लेकर सीएमओ कार्यालय पहुंचीं। सीएमओ डॉ.डीके भिटौरिया ने सभी को चश्मा व कान की मशीन उपलब्ध कराई।

फोटो-12-कोंच सीएचसी में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की लाइनें। संवाद

फोटो-12-कोंच सीएचसी में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की लाइनें। संवाद

फोटो-12-कोंच सीएचसी में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की लाइनें। संवाद

फोटो-12-कोंच सीएचसी में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की लाइनें। संवाद

फोटो-12-कोंच सीएचसी में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की लाइनें। संवाद

फोटो-12-कोंच सीएचसी में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की लाइनें। संवाद



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