
यूपी एटीएस (सांकेतिक)
– फोटो : सोशल मीडिया एटीएस पेज
विस्तार
एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉएड) ने जौनपुर में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित करने वाले अशरफ अली को मंगलवार को गिरफ्तार किया है। वह इंटरनेशनल गेटवे को बाईपास कर विदेश (खासकर खाड़ी देशों) से आने वाली कॉल को अवैध टेलीफोन एक्सचेंज के माध्यम से लोकल कॉल में परिवर्तित कर रहा था। एटीएस ने उसके पास से सिम बॉक्स, 4जी राउटर, 64 प्री-एक्टिवेटेड सिम, 5 मोबाइल और एक लैपटॉप बरामद किया है। वह 12 वर्ष पहले मुंबई में कपड़ों की फेरी लगाता था।
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एटीएस के मुताबिक जौनपुर के बक्शा थाना क्षेत्र के ग्राम दुल्लीपुर में अशरफ अपने मकान में अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर रहा था। एटीएस ने दूरसंचार विभाग के अधिकारियों की मौजूदगी में उसे मंगलवार सुबह दबोचा। पूछताछ में उसने बताया कि वह 1997 से 2012 तक मुंबई में कपड़े की फेरी लगाता था। वहां उसकी मुलाकात भिवंडी निवासी जहांगीर से हुई।
उसने अशरफ की बात सऊदी अरब में रहने वाले मो. अली से कराई। मो. अली ने उसे सिम बॉक्स के धंधे के फायदे बताए और इंटरनेट, लैपटॉप और एक कमरे की व्यवस्था करने को कहा। उसने कूरियर से सिम बॉक्स और संबंधित उपकरण भेजे। इसके बाद अवैध एक्सचेंज से होने वाले फायदे को उसके बैंक खातो में भेजने लगा। कई बार स्थानीय संपर्कों के माध्यम से नकदी भी भेजी। इस तरह अशरफ को प्रतिमाह करीब एक लाख रुपये का फायदा होने लगा। एटीएस ने उसके खिलाफ जौनपुर के थाना बक्शा में मुकदमा दर्ज कराया है। एटीएस उसे बड़ी संख्या में प्री एक्टीवेटेड सिम देने वाले रिटेलर्स एवं इस गैंग में शामिल अन्य लोगों को तलाश रही है।
कॉलर की नहीं हो पाती है पहचान
सिम बॉक्स पर इंटरनेट से अंतरराष्ट्रीय कॉल्स को इंटरनेशनल गेटवे बाईपास कराकर लैंड कराया जाता है जिससे वीओआईपी (इंटरनेट) कॉल नॉर्मल वायस कॉल्स में परिवर्तित हो जाती है। कॉल करने वाले व्यक्ति के नंबर के स्थान पर सिम बॉक्स में लगे सिमकार्ड का नंबर प्रदर्शित होता है, इससे कॉलर की पहचान नहीं हो पाती है। इससे रेडिक्लाइजेशन, हवाला, टेरर फंडिग की आशंका रहती है और राजस्व का भी नुकसान होता है।