
अखिलेश यादव और आजम खां
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सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव शुक्रवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां से सीतापुर की जेल में मिले। करीब डेढ़ घंटे की मुलाकात में रामपुर, मुरादाबाद और बिजनौर समेत पश्चिमी यूपी की कई लोकसभा सीटों पर चर्चा हुई। बताते हैं कि आजम खां ने अखिलेश को रामपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की पेशकश की, ताकि पश्चिमी यूपी में रणनीतिक संदेश जाए।
सूत्रों के अनुसार, जेल में आजम खां और उनके परिवार का हालचाल लेने के साथ ही अखिलेश ने उनके साथ गंभीर राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की। वर्ष 2019 में रामपुर लोकसभा सीट से आजम खां सपा के टिकट पर जीते थे, पर उन्हें कोर्ट से सजा होने के बाद हुए उपचुनाव में यह सीट भाजपा ने छीन ली। सपा का आरोप है कि सत्ता के जोर पर उनके मतदाताओं को वोट नहीं डालने दिया गया। मुलाकात के दौरान बताते हैं कि आजम खां की ओर से यह प्रस्ताव आया कि अगर अखिलेश रामपुर से मैदान में उतरते हैं तो सपा समर्थक मतदाताओं का आत्मविश्वास बढ़ेगा। इससे जीत सुनिश्चित हो सकेगी।
मुरादाबाद से चुनाव लड़ने के लिए सपा के विधायक कमाल अख्तर व नासिर कुरैशी और मौजूदा सांसद एसटी हसन की खामियों और खूबियों पर भी मंथन हुआ। सपा ने बिजनौर से पूर्व सांसद यशवीर सिंह को प्रत्याशी बनाया है, लेकिन उनका टिकट बदलना करीब-करीब तय माना जा रहा है। यहां से पूर्व मंत्री शाहिद मंजूर, विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष रहे संजय लाठर, आंवला से बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ चुकीं रुचिवीरा और सपा विधायक रामौतार सैनी के नाम पर चर्चा हुई।
बागपत का भी बदल सकता है टिकट
सूत्रों की मानें तो सपा का मेरठ और बागपत का टिकट बदलना भी तय माना जा रहा है। मेरठ से भानु प्रताप सिंह और बागपत से मनोज चौधरी को टिकट दिया गया है। मेरठ सीट पर विधायक रफीक अंसारी, अतुल प्रधान और योगेश वर्मा का नाम आगे है। जबकि, बागपत से मांगेराम कश्यप, अमर शर्मा व विकास मलिक का नाम आगे बताया जा रहा है।
रामपुर इस बार भाजपा की नाइंसाफी के खिलाफ संदेश देगा -अखिलेश
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आजम खां से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि रामपुर इस बार वोट नहीं, भाजपा की नाइंसाफी के खिलाफ संदेश देगा। देश की जनता भाजपा के अहंकार को हराएगी। भाजपा जो अन्याय कर रही है, उसका नतीजा उसे भुगतना पड़ेगा। इलेक्टोरल बॉन्ड ने भाजपा को सबक सिखा दिया है।