
Agra Crime News: मेरी बेटी (संजलि) को जिंदा जला दिया गया। उसकी तड़प-तड़प कर जान गई। ऐसा किसी और बेटी के साथ नहीं होना चाहिए। फांसी की सजा की उम्मीद थी। दोषियों को फांसी ही होनी चाहिए। कोर्ट ने जो फैसला सुनाया, उसकी खुशी है लेकिन फांसी के लिए हाईकोर्ट में अपील करेंगे। संजलि की मां अनीता को जैसे ही न्यायालय के फैसले का पता चला, उनकी आंखों से आंसू निकल आए। रुंधे हुए गले से बोलीं…जब से बेटी की जान ली गई, तब से चैन की नींद नहीं सो पाई। फैसला आया तो दिल को सुकून मिला है। अब वह ठीक से सो पाएंगी। दर्द है तो सिर्फ सरकारी अमले से लेकर जनप्रतिनिधियों के आश्वासनों का, जो छह साल बाद भी अधूरे हैं।