झांसी। सोना-चांदी हमेशा से सबकी पसंद रही है। सोना महंगा हो तो निवेश के लिए अच्छा माना जाता है और सस्ता हो तो आम आदमी भी आड़े वक्त के लिए सोने की खरीदारी करना बेहतर मानता है। लेकिन, महंगाई और स्टेटस सिंबल के चलते भागमभाग लाइफ के दौर में सोने-चांदी की खरीदारी का महत्व अलग ही दिख रहा। ज्वेलरों की मानें तो अक्षय तृतीया पर शगुन के लिए कम वजन की डिजाइनर पायल, ब्रेसलेट, सोने की डिजाइनर चूड़ियां, दो-चार ग्राम की अंगूंठी, पांच ग्राम की चेन, पांच ग्राम के सोने-चांदी के सिक्के और नोट की अच्छी बिक्री की उम्मीद है। ज्वेलर्स बता रहे हैं कि सराफा में हल्की ज्वेलरी के साथ भगवान की छोटी-छोटी मूर्तियों और डिजाइनर बर्तन लेने का क्रेज बढ़ा है। उधर, बात 1950 के आसपास की करें तो सोने का भाव सिर्फ 99 रुपये प्रति 10 ग्राम था। इन 73 सालों में सोना 60 हजारी हो गया है। अब से 70-80 साल पहले की बात करें तो सोना मात्र 44 रुपये प्रति 10 ग्राम ही मिलता था। दुकानदार बताते हैं कि सोने की बड़ी खरीदारी अब निवेश के लिए काफी अच्छा फायदा देने वाली है। वहीं, एक बड़ा वर्ग हल्के जेवरों की खरीदारी ज्यादा पसंद कर रहा है। बाजार में शुक्रवार को सोने का भाव 60,600 (24 कैरेट) और चांदी का भाव 71,500 रुपये (प्रति किलो) रहा। वहीं, 22 कैरेट सोने के रेट 55800 रुपये प्रति 10 ग्राम रहे। ऐसे में सोने की खरीदारी 22 कैरेट के रेट पूछकर ही करें। जबकि निवेश के लिए 24 कैरेट वाला सोना ही लें।
आजादी से पहले मात्र 44 रुपये था सोने का भाव
वर्ष 1942 में सोने का भाव 44 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास था। वर्ष 1947 में सोना 88.62 में था। जबकि चांदी मात्र 107 रुपये प्रति किलो थी। वर्ष 1948 में सोने का भाव 95.87 प्रति 10 ग्राम पहुंच गया था। बताते हैं कि 1950 में सोने का भाव 99 रुपये प्रति 10 ग्राम था। वर्ष 1960 में यह बढ़कर 112 रुपये प्रति ग्राम हो गया था।
वर्ष 1970 से ऐसे बढ़ा सोने का भाव (प्रति 10 ग्राम रुपये में)
1970 184
1980 1330
1990 3200
2000 4400
2010 18,500
2015 26,000
2020 39,000
2021 48,000
2022 49,000
2022 दिसंबर 54,000
बोले-ज्वेलर्स
अबकी बार सोने का भाव चरम पर है। लेकिन, हमेशा से सोना-चांदी की खरीदारी शुभ और भविष्य की जरूरत कही जाती है, हर बार की तरह अबकी भी बाजार अच्छा रहेगा।
विशाल कमरिया-ज्वेलर्स-सराफा बाजार
सोने-चांदी की बढ़ती कीमत निवेश की दृष्टि से ग्राहकों के लिए काफी अच्छी है। शादी और शगुन के अलावा अक्षय तृतीया पर हल्के जेवरातों की बढि़या खरीदारी की उम्मीद है।
नीलेश सोनी-ज्वेलर्स-मानिक चौक
पहले की तरह आज भी सोना-चांदी खरीदना हर वर्ग की पसंद है। लोग इसमें अच्छा पैसा निवेश कर रहे हैं। सोना-चांदी अभी महंगा है, यह आगे भी ग्राहक को अच्छा फायदा देगा।
कैलाश मेनारिया ज्वेलर्स-सिविल लाइंस
अक्षय तृतीया पर अच्छी खरीदारी हो, इसके लिए हर वर्ग को ध्यान में रखकर कम वजन के सिक्के और जेवर बाजार में उपलब्ध हैं। लोग शगुन के लिए इन्हें खरीद सकते हैं।
आकाश अग्रवाल-ज्वेलर्स, सराफा बाजार
सालों पहले जब सोना-चांदी सस्ता था, तब भी लोग इसे खरीदते थे और अब भी खरीदते हैं, अक्षय तृतीया पर शगुन के लिए सिक्के ज्यादा खरीदे जाते हैं, हल्की ज्वेलरी भी बिकती है।
पुरुषोत्तम अग्रवाल-ज्वेलर्स-सराफा बाजार
बाजार में बड़े-छोटे सभी तरह के ग्राहक आते हैं, ऐसे में सबकी पसंद और जेब को ध्यान में रखें तो बाजार में सिक्कों की खरीदारी सबसे ज्यादा होती है। अबकी भी अच्छी उम्मीद है।
आलोक गर्ग, ज्वेलर्स, सदर बाजार
सोने की शुद्धता जरूर जांचे
बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव हमेशा अलग होता। यह शुद्ध सोना माना जाता है। जबकि जेवरात बनाने के लिए 22 और 20 कैरेट सोने का उपयोग किया जाता है। इसके रेट 24 कैरेट सोने से कम होते हैं। आप जब भी सोना खरीदें उस पर हालमािर्कंग जरूर जांच लें। जिस ज्वेलरी में जो हालमािर्कंग अंकित होगी वह सोना कैरेट के मुताबिक उतना शुद्ध रहेगा। ज्वेलरी में कैरेट की शुद्धता के अनुसार निशान (चिह्न) अंकित होते हैं। जैसे कि 22के916 इसका मतलब है कि 22 कैरेट वाली आपकी ज्वेलरी में 91.6 फीसदी सोना शुद्ध है।